अधिकारियों की लापरवाही से बदसूरती को प्राप्त होता खूबसूरत शहर लखनऊ

वास्तविक लखनऊ यानि पुराना लखनऊ जैसे ऐशबाग, अमीनाबाद,कैसरबाग, चौक,नक्खास,नाका आदि क्षेत्रों को तो जैसे लखनऊ प्रशासन जानता ही नहीं जगह-जगह पानी की लीकेज के कारण सड़कों,गलियों की हालत खराब है! विकास के कार्य कच्छप गति से चल रहे हैं!

एक समय में लखनऊ को बहुत ख़ूबसूरत शहर माना जाता था आज उस लखनऊ में जगह-जगह कूड़े के ढेर, टूटी हुई सड़कें दिखाई पड़ती हैं ! लखनऊ के प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान केवल गोमती नगर,हज़रत गंज,माल एवन्यू, कालीदास मार्ग आदि वीआईपी क्षेत्रों तक सीमित है! मेरे एक परिचित जो बहुत दिनो बाद लखनऊ आये थे ! उनको के०के०हास्पिटल जाना था मै उनको अपने लखनऊ शहर की इज्जत बचाने की खातिर,मेडिकल कॉलेज के रास्ते न ले जाकर,बेगम हज़रतमहल वाले रास्ते से ले गया पर यकीन जानिये कैसरबाग चौराहे से जो मेरे मेहमान ने लखनऊ प्रशासन पर लानत भेजना आरम्भ की तो वह लानत के०के०हास्पिटल तक ज़ारी रही ! के०के०हास्पिटल के ठीक सामने एडी सी पी लॉ एण्ड आर्डर जैसे उच्च प्रशासनिक अधिकारी का कार्यालय स्थित है ! मैने सोचा अब तो बेइज्जती हो ही गई है!
क्यों न अब मेडिकल कॉलेज वाले रास्ते से वापस चला जाये यकीन जानिये रही सही इज्जत भी मिट्टी में मिल गई मैं लाख अपने मेहमान को लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनने की ओर अग्रसरित होने की दुहाई देता रहा पर उन्होने लखनऊ प्रशासन पर लानत भेजना नहीं छोड़ा ! बोले मै 6 वर्ष पूर्व लखनऊ आया था ! तब भी लखनऊ में विकास कार्य हो रहा था पर एक सलीके से ! अब तो लखनऊ शहर में सारे विकास कार्य बे सलीका हो रहा है ! वास्तविक लखनऊ यानि पुराना लखनऊ जैसे ऐशबाग, अमीनाबाद,कैसरबाग, चौक,नक्खास,नाका आदि क्षेत्रों को तो जैसे लखनऊ प्रशासन जानता ही नहीं जगह-जगह पानी की लीकेज के कारण सड़कों,गलियों की हालत खराब है! विकास के कार्य कच्छप गति से चल रहे हैं! ऐसा लगता है! जैसे उ०प्र०सरकार की अधिकारियों पर पकड़ है ही नहीं,विकास कार्य ठप पड़े हैं ! पूरे विश्व में लखनऊ शहर की खूबसूरती के चर्चे हुआ करते थे कहाँ गया वो खूबसूरत शहर लखनऊ? नींबू पार्क से हैदरगंज तक बनने वाला पुल अधिकारियों की उदासीनता को प्राप्त है! बताया जा रहा पुरातत्व विभाग ने आपत्ति लगा दी है! केन्द्र में भाजपा सरकार, उ०प्र० में भाजपा सरकार फिर इस आपत्ति का निवारण होने में इतनी देरी क्यों? कारण साफ है प्रशासनिक अधिकारी चाहते ही नहीं कि लखनऊ की जनता सहूलियतें मिलें !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *