समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव बुधवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई। उनके इस फैसले को भाजपा अपनी बड़ी जीत के रूप में देख रही है तो वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की भी प्रतिक्रिया आई है।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की पुत्र वधू अपर्णा यादव बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गईं। अपर्णा यादव को दिल्ली में भाजपा के बड़े पदाधिकारियों ने पार्टी की सदस्यता दिलाई है। उनके इस फैसले को भाजपा अपनी बड़ी जीत के रूप में देख रही है तो वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की भी पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने अपर्णा को बधाई देते हुए कहा है कि हमें खुशी है कि हमारी समाजवादी विचारधारा का विस्तार हो रहा है।
लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुधवार को जब पत्रकारों ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपर्णा यादव को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि नेता जी (मुलायम सिंह यादव) ने बहुत कोशिश की समझाने की लेकिन नहीं मानी। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें (अपर्णा यादव) बधाई दूंगा और हमें खुशी है कि हमारी समाजवादी विचारधारा का विस्तार हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि हमारी विचारधारा वहां पहुंचकर संविधान और लोकतंत्र को बचाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि गठबंधन में सभी को टिकट मिल पाना संभव नहीं है। इसलिए गठबंधन धर्म का पालन होना चाहिए। अगर सपा के कुछ लोग भाजपा के टच में हैं तो भाजपा के लोग भी अभी सपा के टच में हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में समाजवादी पेंशन योजना फिर से शुरू किया जाएगा और इसके अंतर्गत जरूरतमंद महिलाओं और बीपीएल परिवारों को प्रति वर्ष 18,000 रुपये पेंशन देने का काम किया जाएगा। इससे पहले पहले 6000 रुपये दिया जाता था। इस योजना का लाभ महिलाओं व बहनों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि सपा के घोषणा पत्र में महिलाओं, बहनों व बेटियों के लिए कई योजनाएं शामिल की जाएंगी। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे के किनारे सपेरों के लिये स्नेक चारमर्स विलेज बनेगा।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि मैं आजमगढ़ की जनता से अनुमति लेकर ही चुनाव लडूंगा अगर चुनाव लड़ा तो क्योंकि वहां के लोगों ने मुझे जिताया था। मैं वहां से सांसद हूं। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि जहां से भी चुनाव लड़ू वह योगी के चुनाव से पहले हो।