औद्योगिक श्रमिकों (इंडस्ट्रियल वर्कर्स) की खुदरा मुहंगाई दर अप्रैल में नरमी के साथ 5.14 फीसद पर रह गई। मार्च में औद्योगिक श्रमिकों की खुदरा मुद्रास्फीति 5.64 फीसद पर रही थी। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी से खुदरा मुद्रास्फीति में यह कमी दर्ज की गई।
नई दिल्ली, एजेंसियां। औद्योगिक श्रमिकों (इंडस्ट्रियल वर्कर्स) की खुदरा मुहंगाई दर अप्रैल में नरमी के साथ 5.14 फीसद पर रह गई। मार्च में औद्योगिक श्रमिकों की खुदरा मुद्रास्फीति 5.64 फीसद पर रही थी। कुछ खास खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी से इंडस्ट्रियल वर्कर्स की खुदरा मुद्रास्फीति में यह कमी दर्ज की गई। श्रम मंत्रालय की ओर जारी एक बयान में कहा गया है, ”अप्रैल महीने में सालाना आधार पर मुद्रास्फीति 5.14 फीसद पर रही। इससे पिछले महीने में (मार्च में) महंगाई दर 5.64 फीसद पर रही थी। वहीं, पिछले साल अप्रैल में मुद्रास्फीति 5.45 फीसद पर रही थी।”
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अप्रैल में खाद्य मुद्रास्फीति 4.78 फीसद पर रही। मार्च में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 5.36 फीसद पर रही थी। अप्रैल, 2020 में औद्योगिक श्रमिकों के लिए खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 6.56 फीसद पर रही थी।
ऑल-इंडिया सीपीआई-आईडब्ल्यू (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स-इंडस्ट्रियल वर्कर्स) अप्रैल माह में 0.5 फीसद की वृद्धि के साथ 120.1 अंक पर रही। मार्च में यह 119.6 अंक पर रही थी।
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि सूचकांक में इस वृद्धि से वर्किंग क्लास लोगों के महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी होगी। इस तरह कामकाजी तबके के वेतन में वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि अप्रैल में महंगाई दर में कमी उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। गंगवार के मुताबिक सब्जियों के दाम में कमी से खाने-पीने की वस्तुओं के दाम घटे हैं।
CPI-IW के आंकड़ों का सीधा वित्तीय असर देखने को मिलता है। इस डेटा का मुख्य रूप से इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों और इंडस्ट्रियल सेक्टर में काम करने वाले वर्कर्स के महंगाई भत्ते यानी DA के निर्धारण के लिए किया जाता है।