अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की गृह सचिव ने की समीक्षा, 30 जून को शुरू होने वाली है वार्षिक तीर्थयात्रा

आपको बता दें कि गृह सचिव की यह बैठक उनकी जम्मू-कश्मीर की दिन भर की यात्रा के लगभग एक महीने बाद आयोजित की गई जिसमें उन्होंने अमरनाथ यात्रा की तैयारियों का बारीकी से जायजा लिया। बता दें कि इससे पहले भल्ला ने 15 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था।

 

नई दिल्ली । अमरनाथ यात्रा 30 जून से आरंभ होने जा रही है। श्री अमरनाथ यात्रा 2022 की तैयारियां इन दिनों जोरों पर है। हर छोटी-बड़ी चीजों का बारीकी से ध्यान रखा जा रहा है, जिसके लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की।‌

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड

कोरोना संकट के चलते दो साल बाद 30 जून से अमरनाथ यात्रा यात्रा शुरू होगी। इस साल श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना जताई जा रही है। ‌ भोले बाबा के अनंत भक्तों में यात्रा को लेकर गजब का उत्साह है। यात्रा के लिए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से खाद्य पादार्थों की सूची (फूड मेन्यू) भी जारी कर दी है, जिसमें पौष्‍टिक व हल्‍के आहार पर जोर दिया गया है।

 

गृह सचिव ने की खास बैठक

गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने शुक्रवार को गृह मंत्रालय में गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से संबंधित अधिकारियों, राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक कुलदीप सिंह, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख पंकज सिंह के साथ सेना के अधिकारी की बैठक बुलाई। साथ ही इस खास बैठक में अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के सदस्यों ने भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में हिस्सा लिया।

सूत्रों ने जानकारी दी कि गृह सचिव को तीर्थयात्रा के दौरान विशिष्ट स्थानों के साथ-साथ क्षेत्र की स्थिति पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की सुरक्षा से जुड़े अपडेट और विभाग से अवगत कराया गया।

यही नहीं श्री अमरनाथ यात्रा को लेकर कड़ी चौकसी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसके तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शुक्रवार को भल्ला द्वारा संपन्न दूसरे दौर की समीक्षा बैठक के बाद तीर्थयात्रा को लेकर सुरक्षा समीक्षा बैठक कर सकते हैं। इस बात की जानकारी सरकार के सूत्रों द्वारा दी गई।

 

अमरनाथ यात्रा 2022 के लिए आनलाइन पंजीकरण 11 अप्रैल को शुरू हुआ था और गृह मंत्रालय ने तीर्थयात्रा के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सीएपीएफ की लगभग 50 कंपनियों को पहले ही मंजूरी दे दी थी क्योंकि जम्मू और कश्मीर में इस साल लगभग तीन लाख तीर्थयात्रियों के अमरनाथ गुफा मंदिर जाने की उम्मीद जताई गई है।

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