लोकभवन में भाजपा तथा सहयोगी दल के विधायक एकत्र हो रहे हैं। यह लोग शपथ ग्रहण समारोह के लिए अपने पास एकत्र करने के साथ लोकभवन में विधायक दल की बैठक की तैयारी कर रहे हैं।
लखनऊ । भारतीय जनता पार्टी योगी आदित्यनाथ को लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना रही है। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद 37 वर्ष बाद प्रदेश में किसी एक दल की सरकार की लगातार दूसरी बार ताजपोशी होगी।
भारतीय जनता पार्टी के पर्यवेक्षक अमित शाह के साथ सह पर्यवेक्षक रघुवर दास लखनऊ पहुंचे। भाजपा कार्यालय में कोर कमेटी की बैठक के बाद शाह के साथ रघुवर दास लोक भवन पहुंचे। लोक भवन में गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
लोक भवन में सुरेश कुमार खन्ना ने योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता बनाने का प्रस्ताव रखा। जिसके बाद सभी विधायकों ने अपनी सहमति जताई। योगी आदित्यनाथ को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। योगी आदित्यनाथ के नाम का प्रस्ताव भाजपा के वरिष्ठ विधायक सुरेश कुमार खन्ना ने किया। उस प्रस्ताव पर सभी ने मुहर लगा दी। भाजपा गठबंधन के सभी 273 विधायकों ने योगी आदित्यनाथ को अपना नेता चुना। इसके बाद योगी आदित्यनाथ लोक भवन से राजभवन गए और राज्यपाल को विधायकों की सूची सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन से सब संभव : भजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भारतीय जनता पार्टी तथा सहयोगी दलों के सभी विधायकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश मे पहली बार हुआ है कि कोई मुख्यमंत्री दोबारा चुनकर आया है। ऐसा तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और यशस्वी नेतृत्व की वजह से ये संभव हो पाया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश अगर विकास की नई ऊंचाईयों को प्राप्त करता है तो यह देश के विकास के लिए भी सहायक होगा। उत्तर प्रदेश देश का छठी सबसे बड़ी आबादी वाला प्रदेश है। हमने उत्तर प्रदेश के बजट को 2 लाख करोड़ से 6 लाख करोड़ पर लाने का काम किया। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि लगातार दूसरी बार एक ही पार्टी का कोई मुख्यमंत्री बना हो। मेरे पास 2017 से पहले कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था और न ही शासन के किसी दायित्व का निर्वाहन किया था। पार्टी ने 2017 में मुझपर विस्वास किया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार के कारण उनकी मंशा के अनुरूप कार्यप्रणाली अपनाकर हम लोगों ने कार्य शुरू किए, और उत्तर प्रदेश में पहले पांच वर्ष के कालखंड में जबकि कोरोना जैसी महामारी भी थी हम जनता जनार्दन के प्रति अपनी जवाबदेही पूरी कर पाए। उसी के बदले जनता ने जाति, मजहब और कुशासन को नकारकर फिर से प्रचण्ड बहुमत देकर हमे सुशासन और विकास के उन कार्यों को और आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
उत्तर प्रदेश तो प्रकृति और परमात्मा का प्रदेश है यहां सब कुछ संभव है। दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री मोदी जी का मार्गदर्शन हमे निरंतर प्राप्त होता है। मुझे आज एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी निर्वाहन करने का अवसर मिला है, इसके लिए मैं केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद देश के गृहमंत्री अमित शाह जी, उनके साथ रघुवर दास जी का आभार प्रगट करता हूँ। जो जिम्मेदारी मुझे मिली है उसके लिए बिना डिगे पूरी तन्मयता और समर्पण भाव से हम लोग कर्तव्य पूरा करेंगे।
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन के सभागार में कहा कि विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य और नौवीं बार विधायक चुने गए सुरेश कुमार खन्ना और सूर्य प्रताप शाही, बेबी रानी मौर्या सहित प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सभी भाजपा, अपना दल और निषाद पार्टी के विधायकों का आभार प्रगट करता हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश एक बार फिर विकास और सुशासन की दिशा में अगला कदम रखने जा रहा है। मैं आभारी हूं, पीएम नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का जो कि तब राष्ट्रीय अध्यक्ष की भूमिका में थे, जब उन्होंने हम लोगों पर विश्वास व्यक्त करते हुए हमें उत्तर प्रदेश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी थी, जब हमारा कोई अनुभव नहीं था। हम सब बहुत परिपक्व नहीं थे। मुझे स्वयं एक सांसद के रूप में कार्य करने का ही अनुभव था। तब हम विधायक भी नहीं थे। ऐसे में जब उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में सुशासन की नींव रखने की जिम्मेदारी मिली तो बहुत कुछ सीखना समझना था।
भाजपा विधायकों के चयन का स्वागत : अमित शाह के साथ इस दौरान राधा मोहन सिंह, धर्मेन्द्र प्रधान भी थे। भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व डा. दिनेश शर्मा ने भी करतल ध्वनि से भाजपा विधायकों के चयन का स्वागत किया। भाजपा विधायक दल के नेता के चुनाव से पहले अमित शाह ने सभी विधायकों को संबोधित किया। इससे पहले सुरेश कुमार खन्ना ने भाजपा विधायक दल के नेता के लिए योगी आदित्यनाथ के नाम का प्रस्ताव रखा। योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा में पहुंचे हैं। वह गोरखपुर शहर से विधायक चुने गए हैं।
लोकभवन में भाजपा विधायक दल की बैठक से पहले अमित शाह ने लखनऊ में भाजपा कार्यालय में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान ने बैठक की। इस दौरान राधा मोहन सिंह,योगी आदित्यनाथ, स्वतंत्रत देव, सुनील बंसल मौजूद भी मौजूद थे। अमित शाह भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद आज रात ही नई दिल्ली वापस लौटेंगे।
माना जा रहा है कि इस बैठक में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 के दूसरे कार्यकाल के शपथ से पहले कुछ संभावित मंत्रियों के नाम पर चर्चा हुई। अब तो लग रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य तथा डा. दिनेश शर्मा प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के पद पर बरकरार रहेंगे। सुरेश कुमार खन्ना को विधानसभा अध्यक्ष स्पीकर बनाया जा सकता है। इस पद के लिए सूर्य प्रताप शाही का भी नाम सामने लाया सकता है। बेबी रानी मौर्य, महेन्द्र सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी कैबिनेट मंत्री बनेंगे।
इससे पहले लखनऊ पहुंचे अमित शाह का एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया। गृह मंत्री अमौसी एयरपोर्ट से सीधे भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय पहुंचे। लोकभवन में भाजपा तथा सहयोगी दल के विधायक एकत्र थे। यह लोग शपथ ग्रहण समारोह के लिए अपने पास एकत्र करने के साथ लोकभवन में विधायक दल की बैठक की तैयारी कर थे। सुरेश खन्ना और चार अन्य मंत्रियों को यह जिम्मेदारी दी गई है। विधायक दल की बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना। उनके नाम के प्रस्तावक की प्रक्रिया में 15 वरिष्ठ विधायक शामिल थे।
उत्तर प्रदेश में 37 वर्ष बाद सत्ता में वापसी का इतिहास रचने वाले योगी आदित्यनाथ के ही हाथ में दोबारा सत्ता की कमान होगी। विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी के चेहरे पर लड़ा गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई बार चुनावी मंचों से ‘आएंगे तो योगी ही’ और ‘योगी ही उपयोगी’ जैसा नारा देकर स्पष्ट संदेश दे चुके थे कि भाजपा दोबारा सरकार बनाती है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही होंगे। संगठन की शक्ति और अमित शाह की रणनीति के साथ मोदी-योगी की जोड़ी ने विपक्षी मंसूबों को ढेर कर अकेले 255 व गठबंधन सहयोगियों के साथ 273 सीटें जीत लीं। ऐसा प्रदेश की राजनीति में 37 वर्ष बाद हो रहा है कि पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद किसी दल की सरकार फिर पूर्ण बहुमत के साथ बन रही है।