अमेठी से हमारा रिश्ता खून का, सांसद कोई भी बने यह कभी खत्म नहीं होगा ; प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को अमेठी में कई सभाओं को संबोधित किया। उनका लहजा भावुकता से भरा हुआ था। उन्होंने अमेठी से गांधी परिवार के पुराने रिश्तों पर लंबी बात की। कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ एक परिवार के खिलाफ दिन रात बोलते हैं। इंदिरा गांधी को देशद्रोही कहते हैं,

 

अमेठी ; प्रियंका गांधी अमेठी से हमारा रिश्ता पाक है। प्रेम का है। सेवा और शहादत का है। खून का रिश्ता है। यह कभी नहीं टूटेगा। कोई भी सांसद बने। कोई हमारे बारे में हजार झूठ बोल जाय। फिर भी यह रिश्ता नहीं टूटेगा। यह भूमि मेरे पिता की कर्मभूमि है। इसे मैं पूजती हूं। राहुल इसे पूंजते हैं। यह हमारे लिए पवित्र भूमि है। ”” यह अल्फाज कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के हैं। तेंदुआ में कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा के समर्थन में आयोजित कार्यकर्ता बैठक में करीब तीन घंटे की देरी से पहुंची प्रियंका गांधी हरेक मुद्दे पर बोलीं। सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में झूठ की राजनीति फैली है। नौटंकी की राजनीति है।

 

प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि वह यह नहीं बता सकते कि दस साल में कितने को रोजगार दिया। महंगाई कितनी कम की। कितनी संस्थाएं खोली हैं। कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ एक परिवार के खिलाफ दिन रात बोलते हैं। इंदिरा गांधी को देशद्रोही कहते हैं, जिन्होंने पाकिस्तान को तोड़कर बांग्लादेश बनाया। राजीव गांधी जैसे देशभक्त को देशद्रोही कहते हैं। प्रियंका ने इसके साथ ही सरकार पर हमला बोला। किसानों की समस्या को उठाया। कहा कि यह चुनाव लोकतंत्र की लड़ाई है।

प्रियंका ने बयां किया दर्द
प्रियंका ने कहा कि एक दौर ऐसा आया, जब देश में एक नई राजनीति आई। जनता के जज्बातों से खेला जा रहा है। जमीन हड़पने को लेकर गांधी परिवार पर झूठे आरोप लगाने की बात कही। योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कहा कि कुछ ऐसा हुआ कि कुछ लोग बहक गए। राहुल चुनाव हार गए। इसके बाद यह रिश्ता कुछ दिन के लिए रूक गया लेकिन खत्म नहीं हुआ। कोविड को लेकर किए गए प्रयासों का जिक्र किया।

अपनेपन का कराया एहसास
प्रियंका गांधी ने कार्यकर्ता बैठक में अपनेपन एहसास कराया। पिता राजीव की यादों को ताजा किया। पिता के साथ अमेठी में गुजारे पलों को याद किया। मां सोनिया के साथ अमेठी किए प्रचार को याद कर भावुक हुई। पिता की शहादत का जिक्र किया। मां सोनिया गांधी के साथ ही भाई राहुल के चुनाव का जिक्र किया। करीब 44 मिनट के भाषण में 40 मिनट सिर्फ भावनात्मक बातें की।

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