यूएस सेंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा है कि अमेरिका के कोलोराडो में एक व्यक्ति में H5 बर्ड फ्लू के एक मामले की पुष्टि हुई है। यह व्यक्ति पोल्ट्री के सीधे संपर्क में था। वह H5N1 बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षियों को मारने के काम में जुटा था।
वाशिंगटन, यूएस सेंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा है कि अमेरिका के कोलोराडो में एक व्यक्ति में H5 बर्ड फ्लू के एक मामले की पुष्टि हुई है। यह व्यक्ति पोल्ट्री के सीधे संपर्क में था। वह H5N1 बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षियों को मारने के काम में जुटा था। सीडीसी (Centers for Disease Control) ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि यह H5 बर्ड फ्लू के वायरस के विशिष्ट समूह से जुड़ा दूसरा मानव मामला है। संयुक्त राज्य अमेरिका का यह पहला मामला है।
सीडीसी ने यह भी कहा है कि हो सकता है कि उक्त व्यक्ति सतह से फैले संक्रमण का शिकार हुआ था। हालांकि एच-5 से इंसान के संक्रमण का मामला स्वास्थ्य जोखिम के मूल्यांकन को प्रभावित नहीं करेगा। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक सीडीसी संक्रमण के रोकथाम के उपाय कर रहा है। कोलोराडो स्थित सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के विभाग ने कहा कि वह एवियन फ्लू से संक्रमित पोल्ट्री और जंगली पक्षियों के संपर्क में आने वाले लोगों की निगरानी कर रहा है।
एवियन फ्लू को H5N1 फ्लू भी कहा जाता है। सीडीसी ने अपने बयान में कहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में किए गए एक परीक्षण से पता चला कि व्यक्ति के नाक के नमूने में इन्फ्लूएंजा ए (H5) वायरस (A H5 virus) की मौजूदगी का पता चला जो संक्रमित पोल्ट्री फार्म में काम कर रहा था। यह व्यक्ति संक्रमित पोर्टी के संपर्क में था। यह भी संभव है कि वायरस बिना संक्रमण के व्यक्ति की नाक में मौजूद हों।
संक्रमित व्यक्ति 40 वर्ष से कम उम्र का है और एसिम्टोमैटिक है। इसने केवल थकान होने की शिकायत की है। संक्रमित व्यक्ति को अलग कर दिया गया है। यह व्यक्ति इन्फ्लूएंजा एंटीवायरल दवा ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) ले रहा है। फरवरी माह में इंडियाना में पहली बार एवियन फ्लू पक्षियों के एक झुंड में पाया गया जो बाहर से मंगाए गए थे। अमेरिका में 2020 के बाद एवियन फ्लू के संक्रमण का यह पहला मामला है।
हाल ही में चीन के मध्य हेनान प्रांत में किसी इंसान में एवियन फ्लू के पहले मामले की पुष्टि हुई थी। हालांकि यह H3N8 स्ट्रेन से संक्रमित था। चीन के नेशनल हेल्थ कमिशन ने बताया था कि चार साल का बच्चा पक्षियों के संपर्क में आने के बाद संक्रमित पाया गया। बुखार और दूसरे लक्षण दिखने के बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया। लड़के के परिजनों ने घर पर मुर्गी पालन कर रहे थे। इस इलाके में जंगली बत्तखों की संख्या भी ज्यादा है।