नैमिषारण्य धाम के समग्र विकास को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता देखकर जिला प्रशासन ने महायोजना बनाने का काम तेज कर दिया है। नैमिष को अयोध्या काशी व मथुरा की तरह विकसित करने की योजना बनाई गई है।
सीतापुर । नैमिषारण्य धाम के समग्र विकास को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता देखकर जिला प्रशासन ने महायोजना बनाने का काम तेज कर दिया है। नैमिष को अयोध्या, काशी व मथुरा की तरह विकसित करने की योजना है। तीर्थ के विकास पर करीब 800 करोड़ रुपये खर्च किए जाने तैयारी है। महायोजना के धरातल पर उतरने से तीर्थ की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत और समृद्ध होगी। साथ ही देश-विदेश के श्रद्धालुओं का आवागमन बढ़ने से नए रोजगार सृजित होंगे। इससे नैमिषधाम ही नहीं पूरा जिला आर्थिक रूप से समृद्ध होगा।
यह होंगे कार्य : नैमिषारण्य व परिक्रमा पथ की सड़कों का चौड़ीकरण कराने की साथ ही बिजली और पानी की बेहतर व्यवस्थाएं की जाएंगी। इलेक्ट्रिक व अन्य आधुनिक सुविधायुक्त बस सेवाओं के साथ ही हवाई सेवाओं से जिले को जोड़ने पर फोकस रहेगा। मठ-मंदिरों का रंग-रोगन, तीर्थ-कुंड व गोमती नदी के घाटों का सुंदरीकरण कराकर उनको भव्यता प्रदान की जाएगी। पटरी दुकानदारों को भी व्यवस्थित किया जाएगा। इन सब कार्याें को पूरा कराने के लिए पर्यटन, पीडब्ल्यूडी, जल निगम समेत अन्य संबंधित विभाग मिलकर मास्टर प्लान तैयार कर रहे हैं।
जगेगी स्वावलंबन की अलख : मुख्यमंत्री ने नैमिषारण्य में 84 कोसी परिक्रमा और मिश्रिख में पंच कोसी परिक्रमा पथ और पड़ाव स्थलों पर श्रद्धालुओं से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं करने को कहा है। 84 कोसी परिक्रमा के सात पड़ाव सीतापुर और चार पड़ाव हरदोई जिले में पड़ते हैं। परिक्रमा पथ के विकास से करीब 150 से अधिक गांवों में श्रद्धालुओं का आवागमन बढ़ने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 84 कोसी परिक्रमा नैमिषारण्य से शुरू होती है। इसका पहला पड़ाव कोरौना होता है। रास्ते में भैरमपुर, परसपुर, अरबगंज, औरंगाबाद, कमईपुर, नगवा पैड़ी, बबुरी खेड़ा, कुनेरा समेत नौ गांव हैं। इसी तरह अन्य पड़ावों के रास्ते में औसत 10 से 15 गांव पड़ते हैं।
अब तीसरी बार होगा मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण : नैमिष के मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण मुख्यमंत्री के सामने दो बार हो चुका है। उनके सुझाव पर सुरक्षा, परिवहन व अन्य बिंदुओं को शामिल कर अधिकारी मास्टर प्लान बना रहे हैं। सीएंडडीएस लखनऊ यूनिट-29 के स्थानिक अभियंता अंकेश मिश्र बताते हैं कि मास्टर प्लान फिर से प्रस्तुतीकरण होना है। 800 करोड़ रुपये के कार्यों वाली महायोजना बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी करने को कहा
- राजधानी लखनऊ से सबसे निकट तीर्थ नैमिषारण्य है, इसलिए पहले इस धाम को सजाना-सवांरना है।
- परिक्रमा मार्ग व नैमिष धाम को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
- नैमिष व परिक्रमा में आने वाले यात्रियों के लिए पैकेज पर भ्रमण की भी योजना बनानी है।
- मठ-मंदिरों में पंडागीरी पर रोक लगाकर बेहतर अनुशासन का माहौल तैयार करना है।
- मंदिरों, मठों, घाटों व धर्मशालाओं के आसपास पार्किंग की सुविधा बनानी है।
- मिश्रिख नगर पालिका का सीमा विस्तार कर पूरे निकाय क्षेत्र का बेहतर विकास करना है।
- नैमिष व मिश्रिख के सभी पार्कों का होगा सुंदरीकरण। अयोध्या की तर्ज पर म्यूजियम बनेंगे।
- अमृत सरोवर योजना से विकसित होंगे तीर्थ क्षेत्र के तालाब।
फैक्ट फाइल
- पांच लाख श्रद्धालु नैमिषारण्य में प्रत्येक माह आते हैं।
- 150 गांव पड़ते हैं 84 कोसी परिक्रमा पथ पर
- सात पड़ाव सीतापुर जिले में
- चार पड़ाव हरदोई जिले में हैं।
नैमिषारण्य धाम के समग्र विकास की महायोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसे जल्द ही स्वीकृति के लिए शासन के पास भेजा जाना है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप नैमिष का विकास कराना है। शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में महायोजना के प्रस्तुतीकरण में मुख्यमंत्री कुछ और सुझाव दिए थे, उन्हें शामिल कर रहे हैं। – अनुज सिंह, जिलाधिकारी, सीतापुर।