अवैध झोपड़ियों व अतिक्रमण पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगा जवाब, चुनाव आयोग को नोटिस जारी

याचियों का यह भी कहना है कि इन लोगों ने शहर की सड़कों, फुटपाथ, पार्कों, रेलवे ट्रैक आदि पर अतिक्रमण कर रखा है। याचिका में इनके पहचान संबंधी दस्तावेज जैसे राशनकार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र आदि की वैधता की जांच के लिए सर्वे किए जाने की गुजारिश की।

 

 

लखनऊ। आवाज़ ~ ए ~ लखनऊ ; हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शहर में अवैध झोपड़ियों के जरिये करने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र, राज्य सरकार समेत पुलिस महानिदेशक व एलडीए से चार हफ्ते में जवाब तलब किया है। इसके बाद हफ्ते भर में याची प्रतिउत्तर दाखिल कर सकेंगे। कोर्ट ने मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने शुक्रवार को यह आदेश हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की संस्थापक ट्रस्टी रंजना अग्निहोत्री समेत सात वकीलों की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिया। याचियों का कहना है कि राजधानी में कई जगहों पर बड़ी संख्या में सरकारी जमीन पर अवैध झोपड़ियों के जरिये अतिक्रमण किया गया है। इनमें बड़ी तादात में असामाजिक व देश विरोधी लोग भी शरण लिए हैं।

ऐसे में इनकी जांच के बाद खास तौर से इनमें रह रहे विदेशी रोहिंग्या, बंगलादेशी व पाकिस्तानी लोगों की पहचान की जानी चाहिए। साथ ही इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गुजारिश भी की। याचियों का यह भी कहना है कि इन लोगों ने शहर की सड़कों, फुटपाथ, पार्कों, रेलवे ट्रैक आदि पर अतिक्रमण कर रखा है। याचिका में इनके पहचान संबंधी दस्तावेज जैसे राशनकार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र आदि की वैधता की जांच के लिए सर्वे किए जाने की गुजारिश की। इनमें विदेशी पाए जाने वालों के नाम मतदाता सूची से हटाने का निर्देश केंद्रीय चुनाव आयोग को देने का आग्रह किया गया है। याचिका में केंद्र व राज्य सरकार समेत प्रदेश के शहरी विकास विभाग के सचिव, पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक, एलडीए वीसी समेत केंद्रीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पक्षकार बनाया गया है। कोर्ट ने इन सभी पक्षकारों को मामले में चार हफ्ते में जवाबी हलफनामा पेश करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई पांच हफ्ते बाद होगी।

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