अश्लील वीडियो बनाने के मामले में शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा के बाद एक और गिरफ़्तारी,

सोमवार देर रात मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राज कुंद्रा को अश्लील फ़िल्में बनाने के आरोप में गिरफ़्तार किया था। इस मामले में राज समेत 11 लोगों की गिरफ़्तारी हुई है। गिरफ़्तारी के बाद राज को प्रॉपर्टी सेल द्वारा मेडिकल जांच के लिए जेजे अस्पताल ले जाया गया।

 

नई दिल्ली । अश्लील वीडियो बनाने और अपलोड करने के मामले में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई की है। मामले में शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को गिरफ़्तार करने के बाद मंगलवार को एक और व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है। एएनआई के मुताबिक़, रायन थार्प नाम के इस व्यक्ति को मुंबई के नज़दीक़ नेरल से पकड़ा गया है।

बता दें, सोमवार देर रात मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राज कुंद्रा को अश्लील फ़िल्में बनाने के आरोप में गिरफ़्तार किया था। इस मामले में राज समेत 11 लोगों की गिरफ़्तारी हुई है। गिरफ़्तारी के बाद राज को प्रॉपर्टी सेल द्वारा मेडिकल जांच के लिए जेजे अस्पताल ले जाया गया। जांच के बाद राज कुंद्रा को मुंबई पुलिस कमिश्नर के दफ़्तर पहुंचाया गया। राज को आज (मंगलवार) अदालत में पेश किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला

पुलिस अश्लील वीडियो बनाने और अपलोड करने के मामले की जांच फरवरी से कर रही है। यह वही मामला है, जिसमें गंदी बात एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ की पहले गिरफ़्तारी हुई थी और उन्हें 5 महीने जेल में भी रहना पड़ा था। हालांकि, गहना ज़मानत पर बाहर हैं। ईटाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में राज कुंद्रा का नाम तब उछला, जब प्रॉपर्टी सेल द्वारा जांच के दौरान यूके की एक प्रोडक्शन कम्पनी का नाम सामने आया। पुलिस ने इस कम्पनी के एक एक्जीक्यूटिव उमेश कामत को गिरफ़्तार किया था।

उमेश, राज कुंद्रा का पूर्व कर्मी था। आरोप है कि उमेश ने विभिन्न सोशल मीडिया ऐप्स पर कम से कम आठ वीडियो अपलोड किये थे, जिन्हें गहना वशिष्ठ ने शूट किया था। पुलिस को शक़ है कि राज कुंद्रा का इस कम्पनी में स्टेक है। मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले ने कहा है कि राज कुंद्रा इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता लगते हैं।

कितनी हो सकती है सज़ा

अश्लील वीडियो बनाने और फैलाने के मामले में दोषी को आईटी एक्ट और आईपीसी  में सज़ा का प्राविधान है। आईटी एक्टर की धारा 67-ए और आईपीसी की धाराओं 292, 293, 294, 500 और 506 के तहत सज़ा तय की जाती है। अपराध की संजीदगी के हिसाब के 5 साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का ज़ुर्माना लगाया जा सकता है।

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