सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के साथ कई राज्यों के यादव समाज के लोग इसमें शामिल हुए। इनमें 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग सपा के थे। इस सम्मेलन को सपा के परंपरागत सजातीय वोट बैंक पर अपनी पकड़ मजबूत करने और अन्य राज्यों में प्रभाव जमाने के नजरिये से भी देखा जा रहा है। पार्टी की नजर इटावा-औरैया फिरोजाबाद और कन्नौज जिलों में भी है।
इटावा : सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के साथ कई राज्यों के यादव समाज के लोग इसमें शामिल हुए। इनमें 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग सपा के थे। इस सम्मेलन को सपा के परंपरागत सजातीय वोट बैंक पर अपनी पकड़ मजबूत करने और अन्य राज्यों में प्रभाव जमाने के नजरिये से भी देखा जा रहा है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के साथ कई राज्यों के यादव समाज के लोग इसमें शामिल हुए। इनमें 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग सपा के थे। इस सम्मेलन को सपा के परंपरागत सजातीय वोट बैंक पर अपनी पकड़ मजबूत करने और अन्य राज्यों में प्रभाव जमाने के नजरिये से भी देखा जा रहा है।
पार्टी की नजर इटावा-औरैया, फिरोजाबाद और कन्नौज जिलों में भी है। यहां परंपरागत यादव वोटरों की संख्या ज्यादा है, लेकिन पार्टी यहां दो बार से संसदीय सीटें नहीं जीत सकी है। माना जा रहा है कि यादवों को एकजुट कर शिवपाल यहां की खोई विरासत वापस पाना चाहते हैं।
अहीर रेजीमेंट की मांग को लेकर विभिन्न प्रांतों के पार्टी पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं का बड़ी संख्या में जुटना संकेत है कि सपा अपने कोर वोट बैंक को साधने की कवायद में जुट गई है। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पुलिस से लेकर सेना तक में यादवों की बड़ी हिस्सेदारी है।
1962 के बाद से उठने लगी थी मांग
वर्ष 1962 में चीन के साथ युद्ध में रेजांगला में जो वीरता यादवों ने दिखाई, उसे दुनिया भर में याद किया जाता है। जन जागृति सम्मेलन के संयोजक डा. शिवराज सिंह यादव ने बताया कि देश के 18 यादव संगठनों ने एक माह पहले लखनऊ की बैठक में इस मुद्दे को उठाने का फैसला किया था। आगे चलकर प्रदेश के सभी जनपदों में यह कार्यक्रम होंगे। लखनऊ में भी अगस्त में कार्यक्रम प्रस्तावित है। इसमें सभी दलों के यादव नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा। वहीं, भाजपा से जुड़े हुए पूर्व विधायक शिव प्रसाद यादव ने बताया कि लखनऊ की बैठक में सभी को साथ लेकर चलने की बात कही गई थी।
जन जागृति सम्मेलन में उन्हें भी आना था, लेकिन कार्यक्रम में सपा की सक्रियता की वजह से वह नहीं गए। उनके सामाजिक एकता संगठन ने इस सम्मेलन में भाग नहीं लिया। भाजपा के जिला महामंत्री प्रशांत राव चतुर्वेदी का कहना है कि सपा यादवों को आकर्षित करना चाहती है, लेकिन लोग मोदी सरकार की नीतियों से प्रभावित हैं। जागरूक लोग पार्टी के साथ जुड़े रहेंगे।