आजम खां सवा दो साल बाद पहुंचे रामपुर, बेटे अब्दुल्ला ने कहा- खुदा का शुक्र है कि वो घर आ गए

सपा नेता आजम खां सीतापुर जेल से रिहा होकर अपने घर रामपुर पहुंच गए। 27 महीने जेल में रहने के बाद रामपुर अपने घर पहुंचने पर आजम के समर्थकों की भीड़ जुटी रही। आजम खां के घर तक जगह-जगह समर्थक उनके स्वागत के लिए खड़े रहे।

 

रामपुर  : आखिर सवा दो साल बाद विधायक मुहम्मद आजम खां शुक्रवार दोपहर 3.30 बजे जेल से छूटने के बाद अपने रामपुर अपने घर पहुंचे। यहां भारी संख्या में समर्थक उनके स्वागत को मौजूद रहे। इससे पहले रामपुर की सीमा पर पुलिस ने आजम के समर्थकों को रोक लिया। पुलिस सीमित संख्या में ही समर्थकों को आगे जाने दे रही थी। इसको लेकर पुलिस से समर्थकों की नोकझोंक भी हुई। आजम के आने पर बेटे अब्दुल्ला ने कहा कि खुदा का शुक्र है कि वो घर आ गए।

सपा नेता आजम खां सीतापुर जेल से रिहा होकर अपने घर रामपुर पहुंच गए। 27 महीने जेल में रहने के बाद रामपुर अपने घर पहुंचने पर आजम के समर्थकों की भीड़ जुटी रही। रामपुर शहर की शुरुआत से आजम खां के घर तक जगह-जगह समर्थक उनके स्वागत के लिए खड़े रहे। आजम खां की गाड़ी निकलते ही समर्थकों ने हाथ हिलाकर अभिवादन किया। जिसके जवाब में आजम ने भी गाड़ी से ही हाथ हिलाया।

व्यवस्था बनाए रखने के लिए आजम खां के घर तक पुलिस फोर्स भी तैनात रही। रास्ते में कई जगह पुलिस ने उनका काफिला भी रोका। गाड़ियां ज्यादा थीं इसलिए बरेली और रामपुर जिले की सीमा पर ही गाड़ियों को रोक लिया गया था, जिसके बाद बाईपास पर भी गाड़ी रोकी गई थी, जबकि उनके समर्थक साथ चलना चाह रहे थे।

 

सुप्रीम कोर्ट से रामपुर पब्लिक स्कूल की मान्यता में फर्जीवाड़े के मामले में जमानत मिलने के बाद शुक्रवार सुबह आजम खां को सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया। सवा दो साल बाद आजम खां ने खुले आसमान के नीचे सांस ली। रिहाई के लिए उनके दोनों बेटे अदीब और विधायक अब्दुल्ला आजम सीतापुर पहुंचे थे। समाजवादी पार्टी का कोई बड़ा नेता तो सीतापुर नहीं पहुंचा, लेकिन प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव जरूर पहुंचे। जेल से बाहर आने पर शिवपाल यादव ने उनका स्वागत किया और इसके बाद लखनऊ के लिए रवाना हो गए। उधर, आजम खां अपने दोनों बेटों के साथ सीतापुर जेल से शाहजहांपुर, बरेली होते हुए रामपुर के लिए रवाना हो गए।

 

पुलिस के मुताबिक, आजम की गाडि़यों का काफिला बरेली की सीमा में 12:30 बजे दाखिल हुआ। फतेहगंज पश्चिमी मीरगंज होते हुए रामपुर के लिए रवाना हो गए। उनके काफिले में काफी सारी गाड़ियां थी। कुछ गाड़ियों को पुलिस ने रुकवा लिया। सिर्फ आजम खां व दो गाड़ियों को जाने दिया। शेष गाड़ियां करीब 15 मिनट बाद रवाना की गई। बॉर्डर पर मीरगंज पुलिस के अलावा रामपुर पुलिस भी थी। रामपुर की सीमा में दाखिल होने के बाद उनके साथ रामपुर पुलिस भी मौजूद रही।

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