प्रधानमंत्री मोदी किसान ड्रोन आपरेटर्स और फार्मिग फर्टिलाइजर स्प्रे मिलिट्री सिक्योरिटी बार्डर मानीटरिंग समेत विभिन्न कार्यो में प्रयोग के लिए ड्रोन बनाने और संचालित करने वाली कंपनियों व स्टार्टअप्स से भी बात करेंगे। प्रदर्शनी के दौरान 70 से ज्यादा लोग अपनी टेक्नोलाजी का प्रदर्शन करेंगे।
नई दिल्ली, पीटीआई। दुनिया की बड़ी ड्रोन शक्ति बनने की दिशा में बढ़ते कदमों के साथ शुक्रवार से दिल्ली के प्रगति मैदान में दो दिवसीय ‘भारत ड्रोन महोत्सव 2022’ शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुबह 10 बजे इस महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी किसान ड्रोन आपरेटर्स और फार्मिग, फर्टिलाइजर स्प्रे, मिलिट्री, सिक्योरिटी, बार्डर, मानीटरिंग समेत विभिन्न कार्यो में प्रयोग के लिए ड्रोन बनाने और संचालित करने वाली कंपनियों व स्टार्टअप्स से भी बात करेंगे।
महोत्सव में सरकारी अधिकारियों, विदेशी राजनयिकों, सशस्त्र बल व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के प्रतिनिधियों, सरकारी व निजी क्षेत्र की कंपनियों समेत 1,600 से ज्यादा लोग उपस्थित रहेंगे। प्रदर्शनी के दौरान 70 से ज्यादा लोग अपनी टेक्नोलाजी का प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान विभिन्न कार्यो में ड्रोन के प्रयोग का प्रदर्शन होगा। महोत्सव के दौरान ड्रोन पायलट सर्टिफिकेट भी दिए जाएंगे। साथ ही प्रोडक्ट लांचिंग भी होगी।
सामने आएगा ड्रोन टैक्सी का प्रोटोटाइप
पीएम मोदी ड्रोन टैक्सी का प्रोटोटाइप भी प्रदर्शित करेंगे। यह मेड इन इंडिया ड्रोन टैक्सी प्रोटोटाइप महोत्सव का खास आकर्षण होगा। आइआइटी मद्रास द्वारा शुरू की गई कंपनी ई-प्लेन ने इसे तैयार किया है। 2025 तक इसे सर्टिफिकेट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस कड़ी में पहले सेना के साथ इसका ट्रायल किया जाएगा। अनुमान है कि 2028-29 तक ड्रोन टैक्सी भारतीय आकाश में उड़ती नजर आ सकती हैं।
घरेलू उद्योगों की मदद कर रही सरकार
कुछ समय पहले तक ड्रोन के लिए पूरी तरह के आयात पर निर्भर भारत तेजी से इस मामले में आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा रहा है। घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही फरवरी में ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध का भी एलान कर दिया गया। अब केवल आरएंडडी, डिफेंस और सिक्योरिटी के लिए ही ड्रोन आयात की अनुमति है। इनके लिए भी क्लियरेंस जरूरी होगा। आयात पर प्रतिबंध के कदम से घरेलू ड्रोन निर्माताओं को लाभ होगा। ड्रोन के पुर्जो के आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। सरकार ने ड्रोन उद्योग के लिए परचेज लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) योजना भी शुरू की है, जिसे जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है।