वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है क्योंकि इसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर 0.5% अधिक है और ब्याज आय 50000 रुपयों तक कर-मुक्त है (सामान्य रूप से 10000 रुपये की तुलना में और इसमें केवल बचत खाते बनते हैं)।
नई दिल्ली, लिजी चैपमैन। पिछले हफ्ते, हमने निवेश के साथ-साथ बचत की अहमियत के बारे में बात की। अच्छी खबर यह है कि इसे समझना जितना आप सोचते हैं, उससे ज्यादा आसान है। बुरी खबर यह है कि लोग जितना सोचते हैं उससे लंबे समय तक इसे करते रहना जरूरी होता है। निवेश का उद्देश्य होता है भविष्य को सुरक्षित करना। हर व्यक्ति के भविष्य में ऐसा पड़ाव आता ही है जब उन्हें पैसे कमाना संभव नहीं हो पाता। इसकी वजह रिटायरमेंट हो सकती है या नौकरी छूट जाना या तुरंत पैसे उपलब्ध न हो पाना इनमें से कुछ भी हो सकती है। सच बात यह है कि ऐसे समय के लिए योजना बनाना जितना जल्दी शुरू किया जा सकें उतना बेहतर होता है। इसके बारे में आपको शायद जानकारी हो या ये कैसे करना है आपको पता हो सकता है लेकिन अपने नजदीकी लोगों को भी इसके बारे में जानकारी देना उतना ही महत्वपूर्ण होता है, जैसे कि आपके माता-पिता। आप अपने माता-पिता को उनके भविष्य के लिए निवेश करने में मदद कर सकते हैं।
वे सरकारी नौकरी कर रहे हो और उन्हें पेंशन मिलने वाली हो फिर भी आगे चलकर ऐसा भी हो सकता है कि पेंशन की रकम आराम से रहने या उनकी मौजूदा जीवन शैली को बनाए रखने के लिए पर्याप्त न हो। साथ ही और बढ़ी हुई जीवन प्रत्याशा और महंगाई को भी ध्यान में रखना आवश्यक है।
सेवानिवृत्ति के लिए तैयारी के रूप में क्या निवेश करना है, इसकी जानकारी आसानी से उपलब्ध है, लेकिन अगर आपके माता-पिता टेक-सैवी नहीं हैं, तो उस जानकारी को समझना या उसे हासिल करना उनके लिए कठिन हो सकता है। विकल्पों को ध्यान से पढ़ें और अपने माता-पिता के सेवानिवृत्ति के दिनों में उन पर किसी भी प्रकार का वित्तीय तनाव न आएं इसलिए पर्याप्त वित्तीय सुरक्षा खड़ी करने की दिशा में कदम उठाना शुरू करें।
एक बात का ध्यान रखें कि आपके माता-पिता की वित्तीय स्थिति क्या है, इस पर निर्भर करते हुए, उन्हें अपने पैसे को निवेश करने के तरीके में थोड़ा अधिक रूढ़िवादी या आक्रामक होने की आवश्यकता होगी। उदाहरण के तौर पर, जिन्हें गारंटीड पेंशन मिलने वाली है वह दूसरे लोग जिन्हें गारंटीड पेंशन नहीं है उनकी तुलना में ज्यादा जोखिम उठा सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद भी समझदारी से निवेश करना जारी रखना ही उनकी आगे की वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करेगा।
तो अब आइए कुछ ऐसे सर्वोत्तम निवेश विकल्पों के बारे में जानकारी लेते हैं जो भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं:
1.राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)
अपने रिटायरमेंट के लिए बचत करना शुरू कर रहे लोगों के लिए यह बढ़िया विकल्प है, क्योंकि एनपीएस में निवेश के लिए पात्रता आयु 18-65 तक है, अधिकतम आयु सीमा को 70 तक बढ़ाया जा सकता है। आपकी पसंद के अनुसार इक्विटी या डेट फंड्स में निवेश करके एनपीएस से लाभ उत्पन्न किए जाते हैं, इसीलिए इस योजना में कोई निश्चित ब्याज दर नहीं है। इक्विटी फंड में निवेश स्वाभाविक रूप से ज्यादा लाभ दिलाता है (यदि आपको पता नहीं है कि इक्विटी फंड क्या हैं, तो निवेश की शुरूआत करने वालों के लिए मार्गदर्शन को पढ़िए)
एनपीएस कॉर्पस (मूल राशि) का 60% हिस्सा कर मुक्त होता है, जबकि शेष हिस्से को एन्युटी खरीदने (एकमुश्त पेंशन के बदले में आपको दी जाने वाली मासिक पेंशन) पर खर्च करना आवश्यक होता है। इसके अलावा, धारा 80 सी के तहत एनपीएस में निवेश 1.5 लाख रुपयों तक कर-कटौती योग्य है और 80सीसीडी (1 बी) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये भी कटौती योग्य है।
2. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)
यह सरकार द्वारा विनियमित योजना है जिसमें 60 वर्ष (या 55 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति यदि वे समय से पूर्व सेवानिवृत्ति लेने के एक महीने के भीतर निवेश करते हैं) के ऊपर की आयु के लोग निवेश कर सकते हैं। पूंजी पूरी तरह से सुरक्षित है, ब्याज दर अन्य योजनाओं की तुलना में ज्यादा 8.6% है, और यह बढ़ता जाता है क्योंकि हर तिमाही में इसे संशोधित किया जाता है (हालांकि एक बार जब आप निवेश करते हैं तो आपके निवेश के लिए ब्याज दर निश्चित हो जाता है)।
आप इसमें अधिकतम 15 लाख रुपये ज्यादा से ज्यादा 5 सालों के लिए निवेश कर सकते हैं। निवेश की अवधि को 3 साल और बढ़ाया जा सकता है। इस योजना में किए जाने वाले निवेश धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपयों तक कर कटौती योग्य है, लेकिन ध्यान रहें कि इस पर मिलने वाले ब्याज पर कर भरना पड़ता है। आप इसमें से निवेश की अवधि पूरी होने से पहले निकासी कर सकते हैं लेकिन उसके लिए आपको दंड भरना पड़ सकता है।
3. डाकघर मासिक आय योजना (POMIS)
यह सरकार द्वारा समर्थित योजना है। जिनका जोखिम उठाने का माद्दा कम है ऐसे लोगों के लिए यह सबसे सही है, जैसे कि सेवानिवृत्त लोग जिनके लिए पेंशन की तरह हर महीने में पैसे मिलना जरुरी है (हालांकि 10 वर्ष या इससे अधिक आयु के व्यक्ति इस योजना में निवेश कर सकते हैं)। अनिवासी भारतीय इस योजना में निवेश के लिए पात्र नहीं हैं। वर्तमान ब्याज दर 7.6% है।
निवेश अवधि 5 साल होती है और परिपक्वता के समय आपको मिलने वाली राशि को अगर आप चाहें तो इस योजना में फिर से निवेश कर सकते हैं। आप इस योजना में कई खातें खोल सकते हैं, लेकिन एक व्यक्तिगत खाते के लिए अधिकतम राशि सीमा 4.5 लाख रुपये और संयुक्त खातों के लिए 9 लाख रुपये है। ध्यान दें कि इसमें मिलने वाला ब्याज कर योग्य है और न ही आपका निवेश कर-कटौती योग्य होगा।
4. फिक्स्ड / आवर्ती जमा (Fixed Deposit)
वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है क्योंकि इसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर 0.5% अधिक है और ब्याज आय 50,000 रुपयों तक कर-मुक्त है (सामान्य रूप से 10,000 रुपये की तुलना में, और इसमें केवल बचत खाते बनते हैं)।
निवेश अवधि 5 वर्षों की होती है और 1.5 लाख रुपयों तक के निवेश कर-कटौती योग्य होते हैं, लेकिन इसमें मिलने वाले ब्याज पर कर भरना पड़ता है।
5. सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)
हालांकि, यह योजना विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए नहीं बनायी गयी है (इस योजना के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया निवेश की शुरूआत करने वालों के लिए मार्गदर्शन को पढ़ें), लेकिन इस योजना में निवेश करना वरिष्ठ नागरिकों के लिए फायदेमंद है क्योंकि मैच्युरिटी के साथ इसमें मिलने वाला ब्याज कर-मुक्त है, और ब्याज दर औसत से अधिक है। पीपीएफ खाते को 5 साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है (चाहे आप योगदान देना जारी रखें या नहीं) और एक्सटेंशन के दौरान किए गए निवेश कर-कटौती योग्य हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए इससे भी कई अधिक निवेश विकल्प उपलब्ध हैं लेकिन कम जोखिम और तुलनात्मक रूप से ज्यादा ब्याज दर होने की वजह से यह विकल्प बेहतर हैं (हालांकि अधिक लाभ दिलाने वाले विकल्प हैं, जिनकी जानकारी हम जल्द ही देंगे)।
आखिरकार आपको एक महत्वपूर्ण बात ध्यान में रखनी होगी कि वरिष्ठ नागरिकों की बचत में सबसे बड़ा खर्च अचानक से आने वाले मेडिकल खर्च के कारण होता है। यदि आप अपने माता-पिता को उनका भविष्य सुरक्षित करने में इतनी मदद कर रहे हैं, तो आपको उनके लिए अधिक से अधिक कवरेज के साथ एक प्रभावकारी स्वास्थ्य बीमा योजना में निवेश करने पर भी सोचना जरूरी है। यह खर्च आगे चलकर सही साबित होता है। आपको अपनी किसी भी योजनाओं में से परिपक्वता से पहले निकासी करनी न पड़ें इसके लिए आप यह स्मार्ट तरीका अपना सकते हैं।