आस्ट्रेलिया ने कहा कि एक चीनी लड़ाकू विमान ने खतरनाक युद्धाभ्यास किया जिससे दक्षिण चीन सागर के ऊपर विमान की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया। रक्षा मंत्रालय ने कहा 26 मई को चीनी वायु सेना के जे -16 ने आस्ट्रेलिया के पी -8 ए पोसीडान विमान को रोक दिया।
बीजिंग, एपी। आस्ट्रेलिया ने रविवार को कहा कि चीन के एक लड़ाकू जेट ने दादागीरी दिखाते हुए खतरनाक तरीका अपना कर दक्षिण चीन सागर के ऊपर उड़ान भर रहे उसके समुद्री निगरानी विमान के लिए खतरा पैदा किया। आस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि 26 मई को चीनी वायुसेना के जे-16 विमान ने अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में नियमित गश्ती कर रहे उसके पी-8ए पोसीडान समुद्री निगरानी विमान को रोका था। मंत्रालय ने कहा कि खतरनाक तरीके से पैदा व्यवधान के कारण पी-8 विमान और उसके क्रू की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया था। आस्ट्रेलिया ने चीन सरकार को अपनी चिंता से अवगत करा दिया है। चीन ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
चीन की दादागीरी की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले अप्रैल 2001 में अमेरिका के ईपी-3 निगरानी विमान और चीनी नौसेना के जेट के बीच हुई टक्कर में चीनी पायलट की मौत हो गई थी। चीन ने अमेरिकी विमान के चालक दल को 10 दिनों तक हिरासत में रखा था। बीजिंग द्वारा व्यापार बाधाओं को लागू करने और कैनबरा द्वारा अपनी घरेलू राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप को निशाना बनाने वाले नियमों को लागू करने के जवाब में उच्च स्तरीय आदान-प्रदान से इनकार करने के बाद आस्ट्रेलिया और चीन के बीच संबंध वर्षों से खराब रहे हैं।
आस्ट्रेलिया और अन्य ने भी दक्षिण प्रशांत में चीनी घुसपैठ को रोकने की मांग की है, जिसमें बीजिंग द्वारा सोलोमन द्वीप समूह के साथ एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करना शामिल है। इस कारण द्वीपसमूह में सैनिकों और जहाजों को तैनात किया जा सकता है, जोकि आस्ट्रेलियाई तट से 2,000 किलोमीटर (1,200 मील) से कम है।
पिछले महीने की घटना सीमावर्ती क्षेत्रों में चीनी सेना द्वारा तेजी से आक्रामक व्यवहार के बीच हुई। इसमें चीन द्वारा भारत, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और फिलीपींस के विमानों, जहाजों और जमीनी सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की घटना हुई है। पहले से ही फरवरी में आस्ट्रेलिया ने कहा कि एक चीनी नौसेना के जहाज ने आस्ट्रेलिया के उत्तरी भाग पर उड़ान के दौरान अपने P-8A पोसीडान में से एक पर एक लेजर दागा था और विमान को लेजर से रोशनी की थी। चीनी नौसेना की इस हरकत से आस्ट्रेलियाई विमान चालक दल की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया था।
चीन पूरी तरह से दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है और सामरिक जलमार्ग के कुछ हिस्सों पर अपने दावे के साथ अन्य देशों के खिलाफ लगातार दबाव बना रहा है। इसमें मानव निर्मित द्वीपों पर सैन्य सुविधाओं का निर्माण, मछली पकड़ने के विदेशी जहाजों और हवाई और अंतरराष्ट्रीय समुद्र में सैन्य मिशनों का उत्पीड़न शामिल है।
इस साल की शुरुआत में यूएस इंडो-पैसिफिक कमांडर एडम जान सी एक्विलिनो ने कहा कि चीन ने अपने कम से कम तीन द्वीपों पर पूरी तरह से सैन्यीकरण कर दिया है। उन्हें जहाज रोधी और विमान रोधी मिसाइल सिस्टम, लेजर और जैमिंग उपकरण और सैन्य विमान से लैस किया गया है। अमेरिका और उसके सहयोगियों ने क्षेत्र में गश्त और सैन्य अभ्यास कर चीनी दावों को लगातार चुनौती दी है।
तनाव कम करने के उद्देश्य से कई देशों के बीच समझौता किया गया। वहीं बीजिंग से गुस्से में प्रतिक्रिया हुई है। आस्ट्रेलिया के मंत्रालय ने कहा, आस्ट्रेलिया ने दशकों से इस क्षेत्र में समुद्री निगरानी गतिविधियों को अंजाम दिया है और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार ऐसा करता है, जो अंतरराष्ट्रीय जल और हवाई क्षेत्र में नेविगेशन और ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता के अधिकार का प्रयोग करता है।