इमरान खान को बड़ा झटका, अमेरिकी साजिश की दलील को पाकिस्‍तानियों ने किया खारिज; सर्वे में सामने आई हकीकत

पाकिस्‍तान में जारी राजनीतिक संकट के बीच कार्यवाहक प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका लगा है। विपक्ष द्वारा पेश किए अविश्‍वास प्रस्‍ताव को लेकर इमरान खान ने विदेशी साजिश का आरोप लगाया था। हालांकि इमरान खान की इस दलील को पाकिस्‍तानी जनता ने ही खारिज कर दिया है।

 

कराची, आईएएनएस। पाकिस्‍तान में जारी राजनीतिक संकट के बीच कार्यवाहक प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका लगा है। पाकिस्‍तान की नेशनल असेंबली में विपक्ष द्वारा पेश किए अविश्‍वास प्रस्‍ताव को लेकर इमरान खान ने विदेशी साजिश विशेष रूप से अमेरिका की साजिश का आरोप लगाया था। हालांकि, इमरान खान की इस दलील को पाकिस्‍तानी जनता ने ही खारिज कर दिया है।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, गैलप पाकिस्तान के सर्वेक्षण में पाया गया है कि लगभग 64 प्रतिशत पाकिस्तानियों को लगता है कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का कारण उच्च मुद्रास्फीति को लेकर सरकार की विफलता है, न कि अमेरिकी साजिश। वहीं 36 प्रतिशत पाकिस्तानियों का मानना ​​है कि इमरान खान की सरकार को गिराने के लिए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के पीछे अमेरिकी साजिश है।

इस गैलप सर्वेक्षण ने 3-4 अप्रैल, 2022 को 800 परिवारों की राय मांगी थी। सर्वेक्षण के अनुसार, 64 प्रतिशत लोगों ने सरकार के विदेशी षड्यंत्र की दलील को ठुकरा दिया है और विपक्ष के कदम को हवा दी।

सर्वे के उत्तरदाताओं का मानना ​​है कि अविश्वास प्रस्ताव के पीछे मुख्‍य कारण उच्च मुद्रास्फीति है। हालांकि, 36 फीसदी उत्तरदाताओं का मानना ​​है कि अमेरिका ने पीटीआई सरकार को हटाने के लिए विपक्ष के साथ साजिश रची थी। जिन लोगों ने महसूस किया कि सरकार मुद्रास्फीति को दूर करने में विफल रही है, वे सिंध से 7 फीसदी, पंजाब से 62 फीसदी और खैबर पख्तूनख्वा से 59 फीसदी थे।

एक अन्य गैलप सर्वेक्षण में पाया गया कि 54 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने पीटीआई सरकार के साढ़े तीन साल के प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त की, जबकि 46 प्रतिशत ने इसमें कोई गलती नहीं पाई। वहीं, 68 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने नए चुनावों के लिए पीएम के आह्वान की कार्रवाई की सराहना की।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य प्रश्न को लेकर अमेरिका के बारे में धारणा के संबंध में 72 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इसे देश का दुश्मन बताया, वहीं 28 प्रतिशत ने इसे मित्र देश बताया। 54 प्रतिशत इमरान खान के शासन से निराश थे, जबकि 46 प्रतिशत ने कुछ हद तक संतोष व्यक्त किया है।

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