ईरान परमाणु समझौता बहाल नहीं होने से खफा, खामनेई ने कहा- कार्रवाई चाहते हैं, परमाणु समझौते के वादे नहीं

ईरान और वैश्विक शक्तियां अप्रैल की शुरुआत से बातचीत कर रही हैं जिसका उद्देश्य अमेरिका और ईरान को इस सौदे के पूर्ण अनुपालन में वापस लाना है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2018 में बाहर हो गए और तेहरान पर प्रतिबंध लगा दिए।

 

दुबई, रायटर। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि ईरान कार्रवाई चाहता है न कि छह विश्व शक्तियों से उनके 2015 के परमाणु समझौते के पुनरुद्धार के वादे। इसी के साथ ईरान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उसके मताधिकार को निलंबित किए जाने का कड़ा विरोध किया है।

खमेनेई ने एक टेलीविजन भाषण में कहा, ‘मैंने अपने वार्ताकारों से कहा है कि परमाणु समझौते की बहाली के लिए (छह शक्तियों द्वारा) वादे नहीं, कार्रवाई की जरूरत है।’

ईरान और वैश्विक शक्तियां अप्रैल की शुरुआत से बातचीत कर रही हैं, जिसका उद्देश्य अमेरिका और ईरान को इस सौदे के पूर्ण अनुपालन में वापस लाना है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2018 में बाहर हो गए और तेहरान पर प्रतिबंध लगा दिए। प्रतिबंधों की प्रतिक्रिया में ईरान समृद्ध यूरेनियम के भंडार का पुनíनर्माण कर रहा है, इसे उच्च स्तर की विखंडनीय शुद्धता तक समृद्ध कर रहा है और उत्पादन को गति देने के लिए उन्नत सेंट्रीफ्यूज स्थापित कर रहा है। जबकि यूरोपीय संघ के दूत ने वार्ता का समन्वय करते हुए कहा कि उनका मानना है कि अगले सप्ताह से शुरू होने वाले अगले दौर में एक सौदा किया जाएगा, अन्य वरिष्ठ राजनयिकों ने कहा कि सबसे कठिन निर्णय आगे हैं।

इस बीच, ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद जारिफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में ईरान के वोटिंग करने के अधिकार को निलंबित किए जाने का कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने इसके लिए अमेरिका को दोष देते हुए कहा कि वह ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि ईरान अपनी देय राशि न दे सके। जारिफ ने गुरुवार को ट्वीट करके कहा कि इससे ईरान पर वित्तीय भार बढ़ेगा।

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