उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में तीसरा मोर्चा, असदुद्दीन ओवैसी के साथ आए बाबू सिंह कुशवाहा

बहुजन समाज पार्टी से बाहर होने के बाद अपनी पार्टी बनाने वाले बाबू सिंह कुशवाहा के साथ मिलकर आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के चुनाव के लिए भागीदारी परिवर्तन मोर्चा का गठन किया है।

 

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अकेले सौ प्रत्याशी उतारने की घोषणा करने वाले असदुद्दीन ओवैसी को नया साथी मिल गया है। बहुजन समाज पार्टी से बाहर होने के बाद अपनी पार्टी बनाने वाले बाबू सिंह कुशवाहा के साथ मिलकर असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के चुनाव के लिए भागीदारी परिवर्तन मोर्चा का गठन किया है। इनके साथ एक और पार्टी भी मिलकर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सभी 403 सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेगी।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के साथ जन अधिकार पार्टी तथा भारत मुक्ति मोर्चा ने मिलकर भागीदारी परिवर्तन मोर्चा का गठन किया है। तीनों दल मिलकर प्रत्याशी भी तय करेंगे। पहले दौर के मतदान के लिए 58 सीटों पर नामांकन समाप्त होने के बाद भी तीनों अब मिलकर 348 सीटों पर अपने प्रत्याशी तय करेंगे।

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लखनऊ में शनिवार को असदुद्दीन ओवैसी के साथ बाबू सिंह कुशवाहा तथा वामन मेश्राम ने भागीदारी परिवर्तन मोर्चा के गठन की घोषणा की। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए अब भागीदारी परिवर्तन मोर्चा बना है। असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में बाबू सिंह कुशवाहा और भारत मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन सत्ता में आता है तो दो मुख्यमंत्री होंगे, एक ओबीसी समुदाय से और दूसरा दलित समुदाय से। मुस्लिम समुदाय के तीन उप मुख्यमंत्री होंगे।

आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के असदुद्दीन ओवैसी, जन अधिकार पार्टी के बाबू सिंह कुशवाहा तथा भारत मुक्ति मोर्चा के वामन मेश्राम मोर्चा ने मोर्चा संभाला है। इन तीनों ने उत्तर प्रदेश के विधनासभा चुनाव के लिए भागीदारी परिवर्तन मोर्चा का गठन किया है। इससे पहले विधानसभा चुनाव के लिए आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने 27 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है।

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