कोविड-19 के ओमिक्रोन वैरिएंट से चिंतित ईरान ने अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं बंद कर दी हैं। इसके कारण ईरान में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे सैकड़ों अफगानी हेरात प्रांत के इस्लाम कला बंदरगाह पर फंस गए हैं। वीजा होने के बावजूद उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है
काबुल, कोविड-19 के ओमिक्रोन वैरिएंट से चिंतित ईरान ने अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं बंद कर दी हैं। इसके कारण ईरान में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे सैकड़ों अफगानी हेरात प्रांत के इस्लाम कला बंदरगाह पर फंस गए हैं। टोलो न्यूज के अनुसार, ईरान में प्रवेश की इच्छा रखने वाले अफगानी नागरिकों के पास वीजा उपलब्ध है और उन्होंने इसके लिए बड़ी राशि भी खर्च की है।
वीजा के बावजूद प्रवेश की अनुमति नहीं
इस्लाम कला बंदरगाह पहुंचे अफगानिस्तान के कापिसा प्रांत निवासी शोएब उमरजादा के हवाले से अफगानी प्रकाशन ने बताया, ‘हमारे पास वीजा है, फिर भी हमें ईरान में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा। ईरान के सीमा सुरक्षा बल हमारे साथ अनधिकृत लोगों जैसा व्यवहार कर रहे हैं।’ उमरजादा ने कहा कि ठंड की वजह से वह कांप रहे हैं, लेकिन ईरानी अधिकारियों से अनुमति प्राप्त होने का इंतजार करने के आलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है। हेरात निवासी जुमा गुल रहमानी कहती हैं कि उनके पास खाने-पीने के लिए कुछ नहीं बचा है। ईरान जाने के लिए वह 30 हजार अफगानी मुद्रा खर्च कर चुकी हैं और चार दिनों से इंतजार कर रही हैं। इस्लाम कला के उपायुक्त हुमायूं हेमत ने कहा कि जिन लोगों के पास ईरान का वीजा है और उसके लिए जिन्होंने पैसे खर्च किए हैं, उन्हें प्रवेश की इजाजत दी जानी चाहिए। इस बीच तालिबान ने कहा है कि इस मुद्दे पर ईरान के साथ बातचीत जारी है।
ईरान ने वार्ता की मध्यस्थता में दिखाई दिलचस्पी
खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में ईरानी राष्ट्रपति के विशेष प्रतिनिधि हसन काजमी कौमी ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान के विभिन्न धड़ों के साथ उनके देश के अच्छे संबंध हैं। अफगानिस्तान में शांति व स्थायित्व के लिए ईरान इन धड़ों के बीच वार्ता की मध्यस्थता कर सकता है। एफएआरएस न्यूज के अनुसार, कौमी ने निर्वासित अफगानी नेता मुहम्मद मुहाकिक से भी मुलाकात की है।
अफगानिस्तान के कट्टरपंथियों से पाकिस्तान को खतरा
पाकिस्तान के केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान के कट्टरपंथियों से उनके देश को खतरा है। एक कार्यक्रम में चौधरी ने कहा, ‘अफगानिस्तान में महिलाओं को अकेले यात्रा की आजादी नहीं है। यहां तक कि लड़कियां स्कूल भी नहीं जा सकतीं।’ दूसरी तरफ, वैश्विक स्तर पर यह धारणा है कि पाकिस्तान आतंकवाद और तालिबान का समर्थन करता है।