कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान के सामने लगता है पाकिस्तान सरकार ने आत्मसमर्पण कर दिया है। पाक सरकार ने मंगलवार को एलान किया कि फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने के लिए वह संसद में एक प्रस्ताव पेश करेगी। इसके अलावा टीएलएफ के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापस लिया जाएगा
इस्लामाबाद, एजेंसी। कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलएफ) के सामने लगता है पाकिस्तान सरकार ने आत्मसमर्पण कर दिया है। पाक सरकार ने मंगलवार को एलान किया कि फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने के लिए वह संसद में एक प्रस्ताव पेश करेगी। इसके अलावा टीएलएफ के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापस लिया जाएगा। बताते चलें कि यह संगठन पाकिस्तान में प्रतिबंधित है। आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने एक बयान जारी कर कहा, टीएलएफ के साथ कई दौर की बातचीत के बाद हमारे बीच सहमति बनी है कि फ्रांसीसी राजदूत को निकालने के लिए नेशनल असेंबली में एक प्रस्ताव पेश किया जाएगा।
टीएलएफ कार्यकर्ताओं के खिलाफ सभी मामले भी वापस होंगे
टीएलएफ कार्यकर्ताओं के खिलाफ आतंकवाद की धाराओं के तहत दर्ज सभी मामले भी वापस लिए जाएंगे। इसके अलावा चौथी अनुसूची से पार्टी नेताओं का नाम भी हटाया जाएगा। फ्रांसीसी राजदूत का निष्कासन कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी की चार प्रमुख मांगों में शामिल है। इसके कार्यकर्ताओं द्वारा देशभर में हिंसक प्रदर्शन किए जाने के बाद पिछले सप्ताह इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। सोमवार को नेशनल असेंबली का सत्र 22 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। लेकिन मंत्री के बयान के कुछ ही देर बाद एलान किया गया कि संसद की बैठक के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। 20 अप्रैल को दोपहर बाद तीन बजे से इसका सत्र फिर से बुलाया गया है। राशिद ने कहा कि टीएलएफ लाहौर और देश के अन्य स्थानों से अपना धरना खत्म करने के लिए सहमत हो गया है।
इमरान ने पहले दिया ये बयान
इसके पूर्व पाकिस्तान की प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी टीएलपी की फ्रांस के राजदूत को निकाले जाने की मांग पर इमरान ने कहा था कि यह समस्या का कोई समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि पश्चिम में ईशनिंदा की समस्या फ्रांस के राजदूत को निकालने से हल नहीं हो सकती। देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा कि फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करना केवल अन्य देशों में ईश निंदा की घटनाओं को बढ़ा देगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम में वे इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहते हैं। उन्होंने कहा कि इससे फ्रांस के साथ संबंध खराब होने से यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ भी संबंध प्रभावित होंगे, क्योंकि फ्रांस संघ के मुख्य देशों में से है। ऐसे में यूरोपीय संघ फ्रांस के साथ खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि इसका असर पाकिस्तान के लिए कपड़े के निर्यात पर होगी, क्योंकि वे सीधे यूरोपीय संघ के लिए किए जाते हैं।
कट्टरपंथियों ने पुलिसकर्मियों को बनाया था बंधक
इस घटना के विरोध में कट्टरपंथियों ने रविवार को यहां एक पुलिस स्टेशन पर हमला कर इन पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था। प्रतिबंधित कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों ने रविवार को यहां अपने रैली स्थल के समीप स्थित एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। उन्होंने 11 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था। वे टीएलपी प्रमुख मौलाना साद रिजवी की रिहाई और फ्रांस में गत वर्ष प्रकाशित हुए एक कथित कार्टून को लेकर इस देश के राजदूत को पाकिस्तान से निकालने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। रिजवी को गत 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।