रमजान माह शुरू होने में चंद घंटे ही बचे हैं चांद निकलने पर कल या फिर परसों से रोजा रखने का क्रम शुरू हो जाएगा। अल्लाह की इबादत करने के इस माह में पहले रोजा 1416 घंटे लंबा और सबसे आखिरी रोजा 15 घंटे का होगा।
कानपुर, रमजान माह का इंतजार अब खत्म होने वाला और रोजा रखने वाले पूरी तैयारी कर चुके हैं। इस बाद पहला रोजा करीब 15 घंटे का होगा और रोजेदार गर्मी में भूखे-प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत करेंगे। रमजान के पूरे रोजे होने के बाद ईद की खुशियां मिलेंगी। रमजान में चंद घंटे ही शेष रह गए हैं और चांद निकलने पर 13 अथवा 14 अप्रैल से रोजे शुरू हो जाएंगा।
रमजान माह शुरू होते ही मुस्लिम पूरे महीने रोजे रखेंगे। इस वर्ष गर्मी में लगभग 15 घंटे लंबा पहला रोजा मुस्लिमों का इम्तिहान लेगा। रमजान के दिन बीतते जाएंगे, रोजे का समय भी बढ़ता जाएगा। रमजान का पहला रोजा 14:16 घंटे लंबा होगा, जबिक सबसे आखिरी रोजा 15 घंटे का होगा। रमजान की जंत्री के मुताबिक पहले रोजे की सहरी खत्म होने का समय सुबह 4:19 बजे तथा इफ्तार का समय शाम 6:35 बजे हैं। आखिरी रोजे की सहरी खत्म होने का समय सुबह 3:49 बजे तथा इफ्तार का समय शाम 6:49 बजे है।
ये है सहरी व इफ्तार
रमजान में सुबह सूर्य निकलने से पहले तक खाने-पीने को सहरी कहते हैं। सहरी का समय खत्म होने के बाद कुछ भी खाया-पिया नहीं जा सकता। शाम को सूर्य डूबने पर रोजा खोला जाता है, इसे इफ्तार कहते हैं। इफ्तार से सहरी तक खाने-पीने की छूट रहती है।
पिछले वर्ष बंद थी मस्जिदें, घरों में हुई थी तरावीह
पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण काल की वजह से लॉकडाउन में मस्जिदें भी बंद कर दी गई थी। सार्वजनिक स्थलों पर तरावीह की नमाज भी अदा नहीं की गई थी। घरों में ही सहरी व इफ्तार हुआ था। लॉकडाउन में मुस्लिमों ने घरों पर ही इबादत की थी।