कांग्रेस पार्टी अपना नया अध्यक्ष चुनने की तैयारी कर रही है। कई नामों को लेकर पार्टी में चर्चा की जा रही है क्योंकि राहुल गांधी ने पार्टी में कोई पद नहीं लेने के अपने फैसले पर दोबारा विचार करने से मना कर दिया है।
नई दिल्ली,एजेंसी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपना नया अध्यक्ष चुनने की तैयारी कर रही है। इसी कारण कई नामों पर विचार किया जा रहा है क्योंकि राहुल गांधी ने पार्टी में कोई भी पद नहीं रखने के अपने फैसले पर दोबारा विचार करने से इनकार कर दिया था। इस बात की जानकारी सूत्रों ने दी है।
कांग्रेस पार्टी के सर्वोच्च पद के लिए कई नाम सामने आए हैं, जिनमें अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक और कुमारी शैलजा शामिल हैं। हालांकि, पार्टी को अभी भी उम्मीद है कि राहुल गांधी उस पार्टी का नेतृत्व करेंगे, जो अपने सबसे बुरे समय का सामना कर रही है। कुछ लोग प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम भी उछाल रहे हैं, लेकिन कोई अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है क्योंकि वह उत्तर प्रदेश की कड़ी जिम्मेदारी संभाल रही हैं, जहां पार्टी का प्रदर्शन शून्य के करीब है।
इसके अलावा, कांग्रेस अंतरिम तौर पर सोनिया गांधी को पार्टी अध्यक्ष के रूप में जारी रखने और प्रत्येक क्षेत्र के लिए एक कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए योजना भी तैयार कर रही है। ऐसा चर्चा कुछ समय पहले से चल रही हैं।
सोनिया गांधी के वफादार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी नाम चर्चा में है। लेकिन गहलोत ने कथित तौर पर शीर्ष पद से इनकार किया और कहा कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालना चाहिए।
कांग्रेस के अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया रविवार (21 अगस्त) से शुरू होने वाली थी, लेकिन कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक अभी तक नहीं बुलाई गई है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि सीडब्ल्यूसी की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उसने पहले ही अपनी मंजूरी दे दी है और पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि चुनाव समय पर होगा।
कांग्रेस के शीर्ष पद के लिए अनुसूचित जाति के सुशील कुमार शिंदे, मल्लिकार्जुन खड़गे और मीरा कुमार का नाम भी रेस में है। खड़गे राहुल गांधी के विश्वासपात्र हैं और कर्नाटक चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य इकाइयों के साथ कई बैठकें की हैं। उन्होंने आम चुनावों से पहले देश के हर जिले का दौरा करने की भी योजना बनाई है। योजना को अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है। गैर-गांधी को पद संभालने की राहुल गांधी की जिद ने पार्टी को दुविधा में डाल दिया है। उनके करीबी नेता उन्हें फिर से पद संभालने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।