कानपुर के बिल्हौर थाने के फत्तेपुर गांव में गुरुवार देर रात बदमाशों ने बहू को बंधक बनाकर वृद्ध दंपती की हत्या कर दस लाख की डकैती डाली। घटना के समय बेटा खेत की रखवाली कर रहा था। सूचना पर पहुंची पुलिस व अधिकारी जांच में जुटे हैं।
बिल्हौर, ककवन थाना क्षेत्र के गांव फत्तेपुर में गुरुवार आधी रात के बाद बदमाशों ने एक वृद्ध दंपती की हत्या कर डकैती की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया। बदमाश करीब दस लाख के जेवरात और कछ नगदी लूटने में सफल रहे। सुबह डकैती की जानकारी होने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है जो कि मौके से साक्ष्य एकत्र कर रही है। डकैती की इस वारदात में किसी परिचित के हाथ होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
घटना के समय खेत की रखवाली कर रहा था बेटाफत्तेपुर गांव में 80 वर्षीय छम्मी लाल परचून की दुकान चलाते थे। परिवार में पत्नीइमरती देवी, बेटा राजकुमार, राजकुमार की पत्नी सपना और इन दोनों के दो बच्चे हैं। राजकुमार प्राइवेट विद्युत कर्मी है। इसके अलावा वह गांव में छोटा-मोटा टेंट का काम और खेती भी करता है। गुरुवार रात वृद्ध दंपती परचून की दुकान से सटे कमरे में सो रहे थे। राजकुमार खेतों की रखवाली के लिए खेत पर था जबकि बहू बच्चों को लेकर अंदर कमरे में सो रही थी।
रात एक बजे घर में घुसे बदमाशबहू सपना के मुताबिक रात करीब 1 बजे पांच नकाबपोश बदमाश उसके कमरे में दाखिल हुए। एक ने उस पर तमंचा तान दिया और अलमारी की चाबी मांगने लगे।
उसने मना किया कि चाबी उसके पास नहीं है पति को पता है, तो बदमाशों ने धमकी दी कि अगर उसने चाबी नहीं दी तो वह खेत की रखवाली कर रहे पति को गोली मार देंगे।
इसी दौरान एक बदमाश ने अलमारी तोड़ दी। अलमारी में रखे करीब दस लाख के जेवरात और लगभग पचास हजार रुपए की नगदी लूट ली।
इस दौरान बदमाशों ने सपना और उसके बेटे व बेटी के हाथ बांध कर उन्हें बंधक बना लिया।
सपना के मुताबिक लगभग 1 घंटे बाद बदमाश वहां से चले गए लेकिन जब उससे विश्वास हो गया कि अब घर में कोई नहीं है तो सुबह करीब 4:00 बजे हिम्मत करके वह बाहर के कमरे में पहुंचीऔर शोर मचा दिया।
शोर सुनकर ग्रामीण आए लेकिन इस बीच बाहर के कमरे का नजारा देख उसके पांव के नीचे से जमीन खिसक गई उसके सास और ससुर दोनों मृत अवस्था में पड़े हुए थे।
किसी परिचित के लिए छम्मी लाल ने खोला होगा दरवाजापुलिस डकैती की वारदात में किसी परिचित के शामिल होने की संभावना व्यक्त कर रही है। रात 1:00 बजे किसी परिचित के लिए ही दरवाजा खोला जा सकता है। पुलिस मान रही है कि वारदात को अंजाम देने वाले व्यक्ति ने अपना परिचय दिया और इसके बाद ही वृद्ध ने दरवाजा खोला। दोनों की हत्या भी इसीलिए की गई क्योंकि उन्हें पता था वारदात को अंजाम देने वाले कौन लोग हैं। क्योंकि वृद्ध दंपती के पास ना तो जेवरात थे और ना नगदी। वहीं सपना के कमरे में जेवरात और नगदी रखे हुए थे लेकिन बदमाशों ने उसे कोई हानि नहीं पहुंचाई। नकाबपोश होने की वजह से अपना बदमाशों को नहीं पहचान सकी।