कानपुर के सेंट्रल बैंक लाकरों से जेवर चोरी की दो बड़ी बातें, जिनसे पुलिस खोल सकती है राज

कानपुर के सेंट्रल बैंक के लाकरों से चोरी के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। मंगलवार को भी एक और लाकर से गहने गायब मिले हैं। जिसके बाद पुलिस और बैंक कर्मियों-अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि इस बीच पुलिस इन दो बिंदुओं पर जांच कर रही है।

 

कानपुर,  कानपुर के कराचीखाना सेंट्रल बैंक के मामले में पुलिस की जांच दो बिंदुओं पर अटक गई है। लाकरों से हो रही चोरी के पीछे लाकर निर्माता कंपनियां अब रडार पर हैं। वहीं, लाकर और चाबियों के बनाने अौर बिक्री पर भी पुलिस की निगाह है। शक के मुताबिक अगर ऐसा जांच में साबित होता है तो लगातार हो रहीं चाेरियों की गुत्थी जल्द सुलझ सकती है। पुलिस लाकरों के पुराने ग्राहकों और बैंक कर्मियों की मिलीभगत के एंगल पर भी काम कर रही है।

पुलिस की जांच के दो बिंदु

पहला:-

लाकर बनाने वाली कंपनी पर अटकी जांच की सुई। पड़ताल में सामने आया है कि लाकर निर्माता कंपनी एक निश्चित सीमा तक ही चाबियों के नंबर तैयार करती हैं। लाखों लाकर बिक्री होने की स्थिति में निर्माता पुराने नंबरों पर ही चाबियां ढालने लगते हैं। क्योंकि हर लाकर के लिए नया चाबी नंबर का सांचा तैयार करना संभव नहीं है। संभव है कि लाकर निर्माता कंपनी के किसी कर्मचारी को उसी नंबर की चाबी के नंबर से मिल गए हैं तो इसीलिए यह घटनाएं हुई।

दूसरा:

पुलिस के मुताबिक जब कोई लाकर सरेंडर होता है कि उसका लाकर बदलवाना चाहिए। हो सकता है कि लाकर न बदलवाया गया हो और पुरानी चाबियां ही दे दी गई हों। बैंक कर्मियों की मिलीभगत से लाकर धारक की चाबी से क्लोन चाबी बनाकर भी इस वारदात को अंजाम देने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

तीन सदस्यीय होगी एसआइटी

डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि लाकर से जेवर चोरी होने की लगातार सामने आ रही घटनाओं को देखते हुए इस मामले में एसआइटी का गठन किया गया है। एसआइटी एसीपी कोतवाली अशोक कुमार के नेतृत्व में बनाई गई है, जिसमें एक इंस्पेक्टर और एक एक सब इंस्पेक्टर होगा।

बैंक मैनेजर व लाकर इंचार्ज दोनों संदिग्ध

लाकर से जेवर चोरी होने के दो नए मामले सामने आने के बाद बैंक प्रबंधन ने शाखा प्रबंधक राम प्रसाद को हटा दिया है। इसके साथ ही लाकर इंचार्ज शुभम मालवीय को भी वहां से हटा दिया गया है। हालांकि मालवीय चोरी की घटना सामने आने के बाद से ही फरार चल रहा है। सबसे ज्यादा शक उसी पर है क्योंकि फरारी के साथ ही उसने अदालत में अग्रिम जमानत और एफआइआर क्वैश करने की याचिका डाली है। सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के रीजनल मैनेजर दयानंद पांडेय ने बताया कि एहतियात के तौर पर दोनों अधिकारियों को हटाया गया है। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। जांच के लिए दो अधिकारियों की टीम का गठन कर दिया गया है।

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