कानपुर में टाटमिल चौराहे पर दूसरी बार हुए ई-बस हादसे में सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से चालक के झूठ की पोल खुल गई और उसे बर्खास्त करने के साथ ड्राइविंग लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया है। रोडवेज व आरटीओ अधिकारियों ने भी बस की तकनीकी जांच की।
कानपुर, टाटमिल के पास हुई दुर्घटना के बाद चालक को बर्खास्त कर दिया गया है। रोडवेज अधिकारियों ने उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी निलंबित करने की संस्तुति आरटीओ को भेज दी है। वहीं रोडवेज व आरटीओ की संयुक्त जांच में बस की फिटनेस ठीक बताई गई है। सीसीवीटी फुटेज देखने के बाद चालक की झूठ की पोल भी खुल गई है।
क्या हुई घटना : टाटमिल चौराहे पर बाबूपुरवा पुल से घंटा की ओर जाने वाले मार्ग पर रेड लाइट थी और वाहन ठहरे हुए थे। इस बीच बाबूपुरवा पुल से उतर ही बस अनियंत्रित हुई और टेंपो में टक्कर मारकर राहगीरों को कुचलते हुए डिवाइडर से जा टकराई थी। हादसे में टेंपो सवार और राहगीरों में सात लोग गंभीर घायल हुए थे, जिन्हें पास के कृष्णा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। लोगों ने बस में तोड़फोड़ के साथ चालक की पिटाई कर दी थी।
बस की जांच में सबकुछ ठीक : हादसे के बाद आरटीओ व रोडवेज अधिकारियों की टीम ने बस की तकनीकी जांच की और चालक से भी पूछताछ की थी। एआरटीओ उदयवीर सिंह व आरआइ प्रेम सिंह ने पाया कि स्टीयरिंग व्हील और ब्रेक सहित अन्य उपकरण ठीक ढंग से काम कर रहे थे। टायरों में हवा भी मानक के अनुसार थी। टकराने से बस का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। पथराव की वजह से बस का शीशा टूट गया है।
सीसीटीवी कैमरे ने खोली चालक के झूठ की पोल : टाटमिल चौराहे पर 12 दिन पहले हुए हादसे की पोल बस में लगे सीसीटीवी कैमरों ने खोल दी थी। इस बार भी सीसीटीवी कैमरों ने हादसे की वजह साफ कर दी है। यहां भी चालक की लापरवाही सामने आई है। चालक ने बताया था कि ब्रेक नहीं लगने से हादसा हुआ जबकि सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, हैंडब्रेक पहले से ही लगा हुआ था। जब उसे याद आया कि हैंड ब्रेक लगा हुआ है तो एक्सेलेटर को धीमा किए बिना हैंड ब्रेक छोड़ दिया। इससे तेजी से आगे बढ़ गई और चालक का नियंत्रण छूट गया। इससे पहले सीसीटीवी फुटेज निकालने के लिए विशेषज्ञों को जमकर कसरत करनी पड़ी। तोडफ़ोड़ के चलते सीसीटीवी कैमरे भी क्षतिग्रस्त हो गए थे। बाद में सर्वर पर सुरक्षित डाटा से वीडियो मिला।