नगर विकास मंत्री ने कुछ दिन पहले शहर में समीक्षा बैठक के दौरान गंगा में गिर रहे नालों की रिपोर्ट तलब की थी। जल निगम की ओरसे गंगा में गिर रहे पांच नालों को बंद करने के प्रस्ताव भेजने की जानकारी दी थी।
कानपुर, गंगा में गिर रहे पांच नालों को बंद करने के लिए शासन ने फिर से ब्यौरा मांगा है। वहीं, जल निगम नए सिरे से नालों को बंद करने का प्रस्ताव बनाने में जुट गया है। इससे पहले 48 करोड़ रुपये में पांच नालों को बंद करने का प्रस्ताव भेजा गया था। नगर विकास मंत्री की पहल पर एक बार फिर नालों को बंद करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
वर्तमान समय में गंगा में गिरने वाले गोलाघाट, सत्तीचौरा, रानी घाट, डबका और वाजिदपुर नाला को स्थायी रूप से बंद किया जाना है। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने आठ फरवरी को शहर में विकास कार्यों और गंगा को लेकर समीक्षा बैठक की थी। इस दौरान जल निगम ने बताया कि गंगा में गिर रहे पांच नालों को स्थायी रूप से बंद किया जाना है, प्रस्ताव भेज दिया गया है। इस बाबत महापौर प्रमिला पांडेय ने भी साफ कहा था कि गंगा में गिर रहे नालों को बंद किया जाए। इसके तहत नगर विकास मंत्री ने आश्वासन दिया था कि नालों को बंद कराया जाएगा।
जल निगम के महाप्रबंधक बृजेश कुमार गर्ग ने बताया कि शासन ने नालों को बंद करने को लेकर जानकारी मांगी है, इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा जा रहा है। पैसा मिल जाए तो बाकी नालों को भी गंगा में गिरने से रोक दिया जाएगा।