केविन पीटरसन ने कहा कि खेल में कहीं और पैसा है ऐसे में काउंटी चैंपियनशिप अपने मौजूदा प्रारूप में टेस्ट टीम के लिए उम्दा खिलाड़ी देने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी इसमें खेलना नहीं चाहते।
लंदन, प्रेट्र। एशेज टेस्ट सीरीज 2021-22 में इंग्लैंड की टीम को आस्ट्रेलिया के हाथों पहले तीन मुकाबलों में बुरी तरह से हार मिली। इस हार के बाद इस टीम के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन का मानना है कि हंड्रेड टूर्नामेंट की तर्ज पर फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट से इंग्लैंड की टेस्ट टीम को पुराना गौरव हासिल करने में मदद मिल सकती है। वर्ष 2005, 2009, 2010-11 और 2013 में एशेज जीतने वाली टीम के सदस्य रहे पीटरसन ने कहा कि मौजूदा काउंटी चैंपियनशिप ने अपनी चमक खो दी है और मौजूदा प्रारूप में यह टेस्ट टीम के लिए अच्छे खिलाड़ी देने की स्थिति में नहीं है।
केविन पीटरसन ने बेटवे पर अपने ब्लाग में लिखा कि खेल में कहीं और पैसा है, ऐसे में काउंटी चैंपियनशिप अपने मौजूदा प्रारूप में टेस्ट टीम के लिए उम्दा खिलाड़ी देने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी इसमें खेलना नहीं चाहते इसलिए इंग्लैंड के युवा खिलाड़ी अन्य दिग्गज खिलाड़ियों से सीख नहीं पा रहे जैसे मैंने सीखा। खराब विकेट पर औसत गेंदबाज बल्लेबाजों को आउट कर रहे हैं और सारी चीजें उलझी हुई हैं। इस 41 वर्षीय पूर्व कप्तान ने फ्रेंचाइजी आधारित 100 गेंद के क्रिकेट टूर्नामेंट ‘द हंड्रेड’ के लिए इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की सराहना की।
उन्होंने कहा कि द हंड्रेड में ईसीबी ने असल में प्रतिस्पर्धा वाला टूर्नामेंट तैयार किया है। इसमें बेस्ट प्लेयर्स एक-दूसरे का सामना करते हैं। पीटरसन ने कहा कि उन्हें लाल गेंद के क्रिकेट में भी इसी तरह की फ्रेंचाइजी प्रतियोगिता शुरू करने की जरूरत है जहां हर हफ्ते सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी एक-दूसरे के खिलाफ खेलें। उन्हें दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ विदेशी खिलाड़ियों को आकर्षित करना चाहिए और इंग्लैंड के शीर्ष खिलाड़ियों को उनके साथ खेलकर फायदा होगा। इसके अलावा पीटरसन ने आठ टीम की राउंड रोबिन लीग का प्रस्ताव रखा जिसकी पिच इस तरह तैयार होनी चाहिए कि खिलाड़ियों की तकनीक ठोस हो।