कैपिटल हिल दंगे में करीबियों की गवाही से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की परेशानी बढ़ सकती है। अमेरिका के पूर्व अटार्नी जनरल ने कहा है कि चुनाव हारने के सच को पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
वाशिंगटन, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद जनवरी 2021 में हुए कैपिटल हिल दंगे को लेकर गठित जांच समिति की सुनवाई के दौरान पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के करीबियों के बयान ही उनकी मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। पूर्व अटार्नी जनरल विलियम बर्र ने जांच समिति को बताया कि तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप वर्ष 2020 के चुनाव में मिली हार की सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सुनवाई के दौरान सोमवार को बतौर साक्ष्य एक वीडियो दिखाया गया और यह साबित करने की कोशिश की गई कि ट्रंप के चुनाव धोखाधड़ी के दावों के कारण कैपिटल हिल (संसद भवन) में दंगा भड़का। इस दौरान बर्र ने कहा कि उन्होंने लगातार ट्रंप को चुनाव में धांधली के आरोपों के निराधार होने की बात कही थी। बर्र ने इन दावों को ‘पागलपन’ करार दिया। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने इन बातों व उससे जुड़ी चिंताओं को समझने के बजाय फर्जी दावों का प्रचार जारी रखा।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी गवाह व ट्रंप के प्रचार प्रबंधक रहे बिल स्टेपिएन समिति के समक्ष उपस्थित तो नहीं हो पाए, लेकिन उनके वकील ने एक बयान के जरिये उनकी बात रखी। स्टेपिएन के बयान के अनुसार, ‘पूर्व राष्ट्रपति के इनर सर्किल के सदस्यों ने मुझे नवंबर 2020 के चुनाव के विजेता की घोषणा नहीं करने की सलाह दी थी। प्रचार का एक धड़ा (टीम नार्मल) ने ट्रंप को चुनाव में हार मिलने के बारे में बता दिया था। लेकिन, एक अन्य धड़ा (रुडीज टीम) ने इस सच्चाई को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था। इनमें ट्रंप के मुखर समर्थक व न्यूयार्क के मेयर रूडी गिउलियानी शामिल थे।’
समिति की पहली सार्वजनिक सुनवाई नौ जून को हुई थी, जिसमें हमले में घायल होने वाले पहले पुलिस अधिकारी कैरोलिन एडवर्ड्स समेत अन्य ने गवाही दी थी। उल्लेखनीय है कि छह जनवरी, 2021 को बड़ी संख्या में लोग कैपिटल हिल में घुस गए थे और संयुक्त सत्र की कार्यवाही को बाधित कर दिया था। इनमें ज्यादातर ट्रंप के समर्थक थे। उनका आरोप था कि चुनाव में धांधली के कारण ट्रंप हार गए और जो बाइडन जीत गए।