कौन है भाजपा कार्यकर्ता विनय, जिसे है जान का खतरा, उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मांगी सुरक्षा

अलीगढ़ में तारिक हत्याकांड के बाद भाजपा कार्यकर्ता विनय का शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। सुरक्षा भी हटा दी। अब दोषमुक्त हुआ तो धमकियां मिलने लगी हैं। पहले से ज्यादा जान का खतरा अब है। भाजपा कार्यकर्ता ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से सुरक्षा मांगी है।

 

अलीगढ़,  Tariq massacre में दोषमुक्त हुए भाजपा कार्यकर्ता विनय वाष्र्णेय ने अपनी जान का खतरा बताया है। अलीगढ़ पहुंचे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद माैर्य से मुलाकात कर उन्होंने सुरक्षा की मांग की है। बताया कि  तारिक हत्याकांड के बाद उनका शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। सुरक्षा भी हटा दी। अब दोषमुक्त हुआ तो धमकियां मिलने लगी हैं। पहले से ज्यादा जान का खतरा अब है। इस संबंध में भाजपा कार्यकर्ता ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को एक पत्र भी दिया है।

सपा सरकार में दर्ज हुए मुकदमे

रघुराथ पैलेस में Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya को दिए पत्र में BJP worker Vinay Varshney ने कहा कि वह भाजपा का बूथ अध्यक्ष, मंडल उपाध्यक्ष, महानगर महामंत्री व भाजयुमो में भी पदाधिकारी रह चुके हैं। पार्टी की सेवा में दिन रात लगे रहते हैं। अपने धर्म की रक्षार्थ हेतु सपा सरकार में कई मुकदमे झेले हैं। इसके कारण वह एक समुदाय की आंखों की किरकिरी बने हुए हैं। विनय ने बताया, 2016 में मुझे मारने के लिए कई षड़यंत्र रचे गए। जिसके कारण पांच नवंबर 2016 को मुझे पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई। 23 फरवरी, 2020 को अलीगढ़ में सीएए, एनआरसी काे लेकर अलीगढ़ में दंगा हो गया। इसमें तारिक के गोली लगी। बाद में उसकी मौत हो गई। जिसका आरोप मुझ पर पर लगा और मेरी सुरक्षा वापिस ले ली गई।

 

निरंतर मिल रहीं हैं धमकियां

विनय ने बताया कि मेरा शस्त्र लाइसेंस निरस्त भी कर दिया गया। 848 दिन की न्यायिक हिरासत के बाद अब छह जुलाई को न्यायालय द्वारा मुझे दोषमुक्त कर दिया गया। अब पहले से कहीं अधिक जान का खतरा है। क्योंकि, मैं अति संवेदनशील क्षेत्र में रहता हूं। विनय ने बताया कि रघुनाथ पैलेस में उत्तर प्रदेश के Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya से मिलकर एक पत्र के माध्यम से पुलिस सुरक्षा व शस्त्र लाइसेंस बहाल कराने को मांग की गई है। उपमुख्यमंत्री को बताया है कि ट्विटर व अन्य माध्यमों से उन्हें धमकियां मिल रही हैं। ऐसी धमकियां पहले भी मिलती रहीं थीं।

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