विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को रूस के साथ तेल खरीद अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास को दोबारा खोलने और चीन के साथ बातचीत शुरू होने जैसे कई ज्वलंत मुद्दों पर सरकार के रुख से अवगत कराया। जानें विदेश मंत्रालय ने क्या कहा…
नई दिल्ली, एजेंसियां। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को रूस के साथ तेल खरीद, अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास को दोबारा खोलने और चीन के साथ बातचीत शुरू होने जैसे कई ज्वलंत मुद्दों पर सरकार के रुख से अवगत कराया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत जल्द से जल्द वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के अगले यानी 16वें दौर की बातचीत का इंतजार कर रहा है।
क्या अफगानिस्तान में खुलेगा भारतीय दूतावास
अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास को दोबारा खोलने के मसले पर अरिंदम बागची ने कहा कि पिछले साल 15 अगस्त के बाद अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति बिगड़ने के कारण हमारे भारत स्थित अधिकारियों को वापस लाने का निर्णय लिया गया। हालांकि स्थानीय कर्मचारी दूतावास परिसर का रखरखाव करना जारी रखा।
भारतीय टीम काबुल में मौजूद
बागची ने कहा कि भारत के अफगान लोगों के साथ ऐतिहासिक और सभ्यता का संबंध है। लंबे समय से चल आ रहे संबंध हमारे दृष्टिकोण के मार्गदर्शन करते रहेंगे। मौजूदा वक्त में संयुक्त सचिव जेपी सिंह के नेतृत्व में एक बहुसदस्यीय टीम काबुल में मौजूद है। यह टीम तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेगी।
उपलब्ध करा रहे मानवीय मदद
बागची ने आगे कहा कि स्थानीय कर्मचारी मानवीय सहायता प्रदान करने में सहायता कर रहे हैं। भारतीय टीम उन अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेगी जो यहां मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के काम में जुटे हुए हैं। हालांकि इन सबके बीच भारत अपने अधिकारियों कि सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
क्या रूस से तेल आयात बढ़ाएगा भारत
रूस से तेल आयात बढ़ाने की योजना को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि तेल खरीद को लेकर भारत का रुख देश की ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों पर आधारित है। बागची से पूछा गया था कि क्या भारत रूस से तेल आयात को बढ़ाने की योजना बना रहा है।
कब होगी भारत चीन के बीच बातचीत
भारत और चीन के बीच सीमा वार्ता के मसले पर बागची ने बताया कि भारत जल्द वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के लिए वार्ता के अगले दौर (16वां) की प्रतीक्षा कर रहा है। बागची का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब काफी समय से दोनों देशों के बीच सीमा पर रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं।