क्या उइगरों के साथ सभ्यता पर भी मंडरा रहा खतरा ? UHRP ने कहा- पहचान मिटाने की चीन की कोशिशें जारी

उइगरों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर अमेरिका की एक पत्रिका द डिप्लोमैट में एक रिपोर्ट छपी है। जिसमें उइगर मानवाधिकार परियोजना के कार्यकारी निदेशक ओमर कनाट ने लिखा कि उइगर लोग और उनके परिवार ही महज जोखिम में नहीं हैं बल्कि पूरी सभ्यता पर भी खतरा मंडरा रहा है।

 

बीजिंग,  चीन में उइगर लोगों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है और उइगरों के साथ अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच उइगर मानवाधिकार परियोजना (UHRP) के कार्यकारी निदेशक ओमर कनाट ने दावा कि उइगर लोग और उनके परिवार ही महज जोखिम में नहीं हैं बल्कि पूरी सभ्यता पर भी खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि सभ्यता खतरे में है और उन्होंने इसके पीछे की वजह का भी जिक्र किया। ओमर कनाट ने द डिप्लोमैट में यह तमाम बातें लिखी हैं

क्या खतरे में है सभ्यता?ओमर कनाट खुद एक उइगर हैं। ऐसे में उन्होंने कहा कि चीनी सरकार के साथ अगर सरकारें और कॉरपोरेशन जारी अत्याचारों के बीच सामान्य रूप से व्यापार जारी रखते हैं तो सभ्यता खतरे में है। उन्होंने कहा कि उइगर की पहचान को मिटाने की चीन की कोशिशें जारी हैं। बता दें कि यूएचआरपी ने नवंबर में चीनी सरकार के खिलाफ ऐसे सबूत पेश किए थे, जिसमें इस बात के साक्ष्य थे कि उइगर महिलाओं पर जबरदस्ती अंतर-जातीय विवाह थोपा जा रहा है। जिसका उद्देश्य उइगरों को हान संस्कृति में पूरी तरह से समायोजित करना था।

 

ओमर कनाट ने बताया कि साल 2022 के अंत में उइगरों ने उरूमची में लगी आग का शोक मनाया था। यह घटना उस वक्त की है जब चीनी सरकार ने जीरो कोविड नीति के तहत से घरों से बाहर निकलने में पाबंदी लगा रखी थी। जिसकी वजह से उइगर अपार्टमेंट से बाहर नहीं निकल पाए थे। यह घटना चीनी प्रशासन द्वारा उइगरों के प्रति उनके अमानवीय कृत्य को दर्शाती है।

इस रिपोर्ट में ओमर कनाट ने यहूदी नरसंहार का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक उइगर के रूप में मेरे लिए होलोकॉस्ट में मारे गए यहूदियों की स्मृति का सम्मान करना बहुत सार्थक है। दुनियाभर के लोगों के साथ उइगर नाजी जर्मनी और उसके साथियों द्वारा किए गए अत्याचारों को कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे मौजूदा संकट में ‘कभी नहीं भूलना’ और ‘फिर कभी नहीं’ का मतलब बहुत गहरा है।

शिविरों को जेलों में किया गया तब्दीलचीन के शिनजियांग में कई उइगर शिविरों को औपचारिक जेलों में तब्दील किया जा चुका है। साथ ही कई बंदियों को शिनजियांग या देश के अन्य हिस्सों में शिविरों से कारखानों में स्थानांतरित किया गया है। विदेशों में कुछ उइगर परिवारों ने रिपोर्ट दी थी कि उनके रिश्तेदार घर वापस आ गए हैं, लेकिन नजरबंद हैं। गरीबी उन्मूलन अभियान की आड़ में बीजिंग हजारों ग्रामीण उइगरों को उनके गांवों से निकलकर कारखानों में जाने के लिए मजबूर कर रहा है।

उइगर भाषा पर लगा प्रतिबंधचीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने उइगर भाषा के इस्तेमाल और इस्लामी प्रथाओं को प्रतिबंधित कर दिया है। मस्जिदों, मंदिरों और कब्रिस्तानों को उजाड़ दिया। साथ ही चीनी संस्कृति से इसको पूरी तरह से हटाते हुए नया इतिहास लिखा और पाठ्यपुस्तकों से स्वदेशी साहित्य को हटा दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *