प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन को लॉन्च किया है. सरकार के मुताबिक यह देशभर में हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सबसे बड़ी स्कीम्स में से एक है.
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन को लॉन्च किया। यह देशभर में हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है। इस योजना का मसकद लंबी अवधि के लिए पब्लिक हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाना और उसमें सुधार करना है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के स्वास्थ्य सेवा तंत्र को ताकत देने और भविष्य में महामारियों से बचाव के लिए हमारी तैयारी उच्च स्तर की हो, गांव और ब्लॉक स्तर तक हमारे हेल्थ सिस्टम में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता आए, इसके लिए आज काशी से मुझे 64000 करोड़ रुपए के आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन राष्ट्र को समर्पित करने का सौभाग्य मिला। आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के माध्यम से देश के कोने-कोने में इलाज से लेकर क्रिटिकल रिसर्च तक एक पूरा इकोसिस्टम विकसित किया जा रहा है।
क्या है सरकार की यह नई स्कीम?
सरकार के मुताबिक, इस योजना के तहत हर जिले में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगा। इसके साथ बढ़े हुए निवेश के जरिए संपूर्ण क्षमता को विकसित किया जाएगा। इस योजना के तहत सरकार 5 सालों के दौरान 64,180 करोड़ रुपये खर्च होगी।
वर्ल्ड क्लास सुविधाओं को विकसित करने की योजना
सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इसमें विश्वस्तरीय सुविधाओं को विकसित किए जाने की योजना है। इसके तहत, ICMR और NCDC की 15 BSL III लैबोरेटरीज को बनाया जाएगा। 33 बीमारियों के विश्लेषण और पूर्वानुमान के लिए बेहतर क्षमता को विकसित करना है। इसके साथ नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल की पांच क्षेत्रीय ब्रांचों और 20 मेट्रोपोलियन यूनिट्स को विकसित किया जाएगा।
आम आदमी को ऐसे मिलेगा फायदा
सरकार ने बताया कि योजना के तहत 12 केंद्रीय अस्पतालों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक बनाए जाएंगे, जिसमें 1800 अतिरिक्त बेड दिए होंगे। इसके साथ 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक बनाए जाएंगे। इसके अलावा एम्स दिल्ली में 150 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनाए जाने का लक्ष्य है। इस स्कीम में, उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनाया जाएगा।
ग्रामीण हेल्थ और वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे
पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत, वन हेल्थ के लिए नई संस्था का कामकाज शुरू किया जाएगा। इसके अलावा 17,788 नए ग्रामीण हेल्थ और वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे। स्कीम में, 11,024 नए अर्बन हेल्थ और वेलनेस सेंटर को भी विकसित किया जाएगा। योजना के तहत, 80 वायरल डायग्नोस्टिक्स और रिसर्च लैब को भी मजबूत करने का लक्ष्य है। केंद्र सरकार की इस नई योजना के तहत, चार नए क्षेत्रीय रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भी शुरू करने का प्लान है।
आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तीन बड़े पहलू
1- बीमारी का पता लगाने और उसके इलाज के लिए विस्तृत सुविधाओं के निर्माण से जुड़ा है। इसके तहत गांवों और शहरों में ‘हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर’ खोले जा रहे हैं, जहां बीमारियों की शुरुआत में ही पता लगाने की सुविधा होगी।
2- रोगों की जांच के लिए टेस्टिंग नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।
3- देश में मौजूद लैब्स को और बेहतर बनाने से जुड़ा है। महामारियों के दौरान जांच के लिये बायोसेफ्टी लेवल—तीन की लैब चाहिए। ऐसी 15 नई लैब को क्रियाशील किया जाएगा।
रोजगार का भी एक पूरा वातावरण विकसित होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब ऐसा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है तो उससे रोजगार का भी एक पूरा वातावरण विकसित होता है। डॉक्टर, पैरामेडिक्स, लैब, फार्मेसी, साफ-सफाई, कार्यालय, ट्रैवल ट्रांसपोर्ट जैसे अनेक प्रकार के रोजगार उत्पन्न होंगे। हम से पहले वर्षों तक जो सरकार में रहे, उनके लिए स्वास्थ्य सेवा पैसा कमाने और घोटालों का जरिया रही है। गरीबों की परेशानी देखकर भी वे से दूर भागते रहे हैं। आज केंद्र और राज्य में वह सरकार है जो दलित गरीब शोषित वंचित पिछड़े मध्यम वर्ग सभी का दर्द समझती है।