गुजरात राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ऊहापोह की स्थिति में हैं। पार्टी अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि चुनाव लडना चाहिए या नहीं। क्योंकि, राज्यसभा की दोनों सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा की जीत लगभग तय है। पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि स्थितियां कोई भी हों, कांग्रेस को उम्मीदवार घोषित करने चाहिए।
राज्यसभा की दो सीट के लिए एक मार्च को मतदान होगा। इन दोनों सीटों पर अलग-अलग चुनाव होगा, इसलिए भाजपा की जीत लगभग तय है। गुजरात विधानसभा की 182 में से 111 सीट भाजपा के पास हैं। जबकि कांग्रेस के पास 65, बीटीपी दो, एनसीपी और निर्दलीय एक-एक विधायक हैं। जबकि विधानसभा की दो सीट खाली हैं।
गुजरात कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं। राज्यसभा की दोनों सीटों पर अलग-अलग वोटिंग होगी, ऐसे में भाजपा उम्मीदवारों की जीत तय है। ऐसे में हमें यह तय करना है कि चुनाव लड़ा जाए या नहीं। पर कई नेताओं का मानना है कि पार्टी को चुनाव में उम्मीदवार घोषित कर चुनाव लड़ना चाहिए।
अहमद पटेल और अभय भारद्वाज के निधन से खाली हुईं सीटें
राज्यसभा की यह सीट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और भाजपा सांसद अभय भारद्वाज के निधन से खाली हुई हैं। इससे पहले भी राज्यसभा की दो सीट पर अलग-अलग चुनाव को लेकर विवाद हो चुका है। राज्यसभा सांसद के तौर पर अमित शाह और स्मृति ईरानी के त्यागपत्र के बाद भी दोनों सीटों पर अलग-अलग चुनाव हुआ था। इस पर ऐतराज करते हुए कांग्रेस ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पार्टी की दलील थी कि दोनों सीट के लिए चुनावों को एक ही दिन अलग-अलग करना असंवैधानिक है। इस बार फिर गुजरात से राज्यसभा की दो सीटों के लिए एक ही दिन अलग-अलग चुनाव हो रहे हैं। एक साथ चुनाव की स्थिति में एक सीट भाजपा और एक सीट कांग्रेस को मिलती।