साल का अंतिम चंद्र ग्रहण कुछ ही दिनों में लगने वाला है। ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व होने के साथ ही ज्योतिष महत्व भी अति विशेष होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहण को अशुभ माना जाता है और इस काल में कोई शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
मेरठ, साल का अंतिम चंद्र ग्रहण कुछ ही दिनों में लगने वाला है। ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व होने के साथ ही ज्योतिष महत्व भी अति विशेष होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहण को अशुभ माना जाता है, और इस काल में कोई शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। यहां तक के ग्रहण काल में पूजा करने की भी मनाही है। इस समय मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते है। इस साल का अंतिम चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगेगा। भारतीय समयानुसार सुबह 11.34 बजे से शाम 5.33 बजे तक रहेगा।
संपूर्ण भारत में नहीं दिखाई देगा ग्रहण
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदूसुत ने बताया कि 19 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में दिखाई नहीं देगा। जबकि पूर्वोत्तर राज्य असाम और अरुणाचल प्रदेश में कुछ पल के लिए आंशिक चंद्र ग्रहण दिखाई दे सकता हैं। इसके अलावा अमेरिका, आस्टे्रलिया, पूर्वी एशिया और उत्तरी यूरोप में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इसलिए चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार उपछाया चंद्र ग्रहण लगने पर सूतक काल मान्य नहीं होता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने पर ही सूतक काल मान्य होता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है।