प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी समूह के दबाव में पाकिस्तान सरकार ने रविवार को टीएलपी के 350 से अधिक कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया। इतना ही नहीं टीएलपी ने घोषणा की कि बुधवार तक बाकी कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमें भी वापस ले लिए जाएंगे।
इस्लामाबाद, प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी समूहों के आगे प्रधानमंत्री इमरान खान ने घुटने टेक दिए हैं। प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने चेतावनी दी थी कि उसके कार्यकर्ता मंगलवार शाम तक इस्लामाबाद की ओर बढ़ेंगे। यही वजह है कि प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी समूह के दबाव में पाकिस्तान सरकार ने रविवार को तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के 350 से अधिक कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया। इतना ही नहीं टीएलपी ने घोषणा की कि बुधवार तक बाकी कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमें भी वापस ले लिए जाएंगे।
पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने ट्वीट कर कहा- हमने अब तक 350 टीएलपी कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया है। हम टीएलपी के साथ हुई बातचीत में लिए गए फैसले पर अमल किए जाने का इंतजार कर रहे हैं। इसके मुताबिक मुरीदके के दोनों तरफ की सड़क को खोले जाने पर सहमति बनी थी। पाकिस्तानी अखबार डान ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार जेल में बंद टीएलपी प्रमुख साद रिजवी को रिहा करने की योजना पर भी काम कर रही है। टीएलपी के प्रदर्शनकारी साद रिजवी की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
टीएलपी ने रविवार को चेतावनी दी थी कि यदि हाफिज साद हुसैन रिजवी की रिहाई नहीं की गई तो उसके कार्यकर्ता लाहौर शहर के पास मुरीदके में धरना देंगे… फिर मंगलवार शाम तक इस्लामाबाद की ओर कूंच कर देंगे। प्रतिबंधित समूह की नेतृत्व परिषद की ओर से रविवार को जारी बयान में कहा गया था कि सरकार तीन बार अपने वादे से मुकर चुकी है। हाल ही में लाहौर टीएलपी के उपद्रवियों का तांडव सामने आया था जिसमें तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। यही नहीं सरकार को इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पड़ी थीं।
यही नहीं इन प्रदर्शनों के चलते इमरान खान की सरकार इस कदर दबाव में आ गई थी कि उसे गृह मंत्री शेख राशिद को यूएई में रविवार को होने वाले टी20 क्रिकेट विश्व कप से पहले वापस बुलाना पड़ा था। टीएलपी की ओर से एलान किया गया है कि उसका कोई भी कार्यकर्ता घर नहीं जाएगा जब तक कि साद हुसैन रिजवी सहित टीएलपी का पूरा नेतृत्व रिहा नहीं कर दिया जाता। बयान में इतना तक कहा गया था कि यदि परिषद का कोई सदस्य कहता है कि साद रिजवी के बिना घर जाओ तो आप उस नेता को बेझिझक गोली मार सकते हैं।