चीन और दक्षिण कोरिया में गिर रहा जन्म दर, जानें आखिर क्यों नहीं करना चाहते हैं युवा शादी

चीन और दक्षिण कोरिया में जन्म दर (Birth rate)लगातार कम हो रहा है जिससे इन देशों में बुजुर्गों की संख्या युवाओं की अपेक्षा ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन में कुछ लोग ही शादी के बंधन में बंध रहे हैं जिसके चलते यहां पर जन्म दर कम दर्ज हुई।

 

नई दिल्ली, एजेंसियां। चीन और दक्षिण कोरिया में जन्म दर (Birth rate) लगातार कम हो रहा है, जिससे इन देशों में बुजुर्गों की संख्या युवाओं की अपेक्षा ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में कुछ लोग ही शादी के बंधन में बंध रहे हैं, जिसके चलते यहां पर जन्म दर कम दर्ज हो रहा है। चीन द्वारा साझा किए गए अधिकारिक डाटा में यह बताया गया है। चीन में मैरिज रजिस्ट्रेशन की संख्या लगातार सात वर्षों में कम हुई है। हाल ही में जारी चाइना स्टैटिस्टिकल ईयरबुक 2021 के आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है। वहीं दक्षिण कोरिया में वर्ष 1981 के बाद से इस साल सितंबर में सबसे कम जन्म दर रिकॉर्ड किया गया है। कम जन्म दर होने से इस देश का

जनसांख्यिकीय स्थिति (Demographic situation) गंभीर है।

 

एक तरफ चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा बच्चा पैदा करने को कहा है दूसरी तरफ इस देश में शादी करने की दर लगातार गिर रही है। माना जा रहा है कि इसके पीछे की वजह कोरोना वायरस के अलावा लोगों को सरकार के उन वादों पर भी विश्वास नहीं है, जिनमें सरकार बच्चे पालने वाले जोड़ों पर से बोझ कम करने की बात कहती है। माना जा रहा है कि युवा उच्च काम के दबाव, महिलाओं की शिक्षा के स्तर में भारी सुधार और आर्थिक स्वतंत्रता के चलते शादी करने के इच्छुक नहीं है।

नागरिक मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चीन में 2021 की पहली तीन तिमाहियों में कुल 5.87 मिलियन जोड़ों ने शादी की, जो पिछले साल की समान अवधि से थोड़ा कम है। चीन के सरकारी अखबार चाइना डेली ने बुधवार को बताया कि उम्मीद है कि 2021 में चीन में मैरिज रजिस्ट्रेशन की संख्या में गिरावट जारी रहेगी। चाइना स्टैटिस्टिकल ईयरबुक 2021 के आंकड़ों से पता चला है कि चीन में पिछले साल जन्म दर 0.852 प्रतिशत थी, जो 1978 के बाद पहली बार एक फीसद से नीचे गिरी है। चीन में इन आकंड़ों के बाद जनसांख्यिकीय संकट गहराता जा रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए चीन ने 2016 में सभी जोड़ों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी है। दशकों पुरानी बच्चे वाल नीति को खत्म कर दिया और इस साल तीन बच्चों की अनुमति देकर इसे संशोधित किय है। हालांकि लोगों के बीच इसको लेकर काफी खराब प्रतिक्रिया मिली है।

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