ज्ञानवापी परिसर मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला सुरक्षित, मस्जिद पक्ष ने दायर की याचिका

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के स्वामित्व विवाद को लेकर वाराणसी की अदालत में लंबित सिविल वाद की पोषणीयता व सर्वे कराने के मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया है। यह 28 अगस्त को सुनाया जाएगा। ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर रोक लगवाने की मांग को लेकर मस्जिद पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।

 

प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के स्वामित्व विवाद को लेकर वाराणसी की अदालत में लंबित सिविल वाद की पोषणीयता व सर्वे कराने के मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया है। यह 28 अगस्त को सुनाया जाएगा। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड व अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने याचिकाएं दाखिल की है। याचियों की तरफ से कहा गया कि प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट 1991 की धारा-4 के तहत सिविल वाद पोषणीय नहीं है। वाराणसी की अदालत के आदेश व सिविल वाद की वैधता को लेकर दाखिल याचिकाओं पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने सुनवाई की।

सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई तक लगाई सर्वे पर रोक

कोर्ट ने सवाल पूछा कि जब सर्वे पर हाईकोर्ट का स्थगनादेश था तो वाराणसी कोर्ट ने फिर सर्वे का आदेश कैसे दे दिया। मंदिर पक्ष द्वारा कहा गया कि हाईकोर्ट ने सर्वे के अंतरिम आदेश पर रोक लगाई थी। केस सुनवाई पर रोक नहीं थी। नई अर्जी की सुनवाई कर जिला अदालत ने फैसला दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई तक वाराणसी अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है।

मस्जिद पक्ष पहुंचा हाई कोर्ट

ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर रोक लगवाने की मांग को लेकर मस्जिद पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। परिसर के एएसआइ सर्वे के जिला जज के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से याचिका दाखिल की गई है।

कमेटी के अधिवक्ता मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में मेंशन के लिए बैठे हैं। मुख्य न्यायाधीश आज दाखिल याचिका को सुनवाई के लिए पेश करने का आदेश दे सकते है। इस मामले में हिंदू पक्ष ने पहले से हाई कोर्ट में कैविएट दाखिल कर रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई शाम पांच बजे तक सर्वे पर रोक लगा रखी है। महाधिवक्ता सरकार का पक्ष रखने के लिए मौजूद हैं।

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