चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर लगे एस्केलेटर तक कार सहित पहुंचने के मामले में रेलवे कोर्ट ने मंत्री धर्मपाल सिंह की सरकारी कार को जब्त कर लिया है। वहीं मामले में रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने शुक्रवार को पशुधन मंत्री के ड्राइवर की पेशी हुई। गुरुवार को ड्राइवर ने प्लेटफार्म पर चढ़ने वाली कार सहित आरपीएफ के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था
लखनऊ, चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर लगे एस्केलेटर तक कार सहित पहुंचने के मामले में रेलवे कोर्ट ने मंत्री धर्मपाल सिंह की सरकारी कार को जब्त कर लिया है। वहीं मामले में रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने शुक्रवार को पशुधन मंत्री के ड्राइवर की पेशी हुई। गुरुवार को ड्राइवर ने प्लेटफार्म पर चढ़ने वाली कार सहित आरपीएफ के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। आरपीएफ ने ड्राइवर का बयान दर्ज करके उसे निजी मुचलके पर छोड़ दिया है। बीते 23 अगस्त को चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर लगे एस्केलेटर तक कार सहित पहुंचने के मामले में व गलत जगह पार्किंग करने के मामले में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने रेलवे एक्ट की धारा 159 के तहत मामला दर्ज किया था। इस एक्ट में अधिकतम 500 रुपये जुर्माना और एक माह कारावास अन्यथा दोनों का प्रावधान है।
प्रदेश सरकार में पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह को बुधवार को ट्रेन नंबर 13005 हावड़ा-अमृतसर पंजाब मेल से लखनऊ से बरेली की यात्रा करना था। इस ट्रेन को चारबाग स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार पर आना था। जीआरपी को वीआइपी प्रोटोकाल की सूचना देने के बाद मंत्री का काफिला शाम चार बजे रेलवे कोर्ट के सामने पहुंचा। यहां जिस सरकारी कार में मंत्री धर्मपाल सिंह बैठे थे, वह कार दिव्यांग रैंप पर चढ़ते हुए रेलवे कोर्ट के सामने एस्केलेटर तक पहुंच गई। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि मंत्री धर्मपाल सिंह को पैदल ना चलना पड़े इसलिए उनकी एसयूवी को सीधे प्लेटफॉर्म के एस्केलेटर तक पहुंचा दिया गया, जबकि नियमों के तहत केवल पैदल यात्री या दिव्यांग ही इस रैंप का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये सब देखकर स्टेशन पर मौजूद यात्रियों में हड़कंप मच गया।
रेलवे ने आनन फानन में कार के नंबर के आधार पर अज्ञात चालक के खिलाफ गलत पार्किंग के आरोप में रेलवे एक्ट की धारा 159 के तहत मामला दर्ज कर लिया था। मामला दर्ज करने के बाद आरपीएफ ने कार नंबर के आधार पर अज्ञात ड्राइवर को नोटिस जारी की थी।
प्लेटफार्म पर कार चढ़ाने वाले मंत्री धर्मपाल सिंह के ड्राइवर की पहचान माल एवेन्यू निवासी प्रशांत कुमार सिंह के रूप में हुई थी।
वहीं आरपीएफ ने रेलवे न्यायालय के सामने लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाले। फुटेज में मंत्री की कार का नंबर निकालकर ड्राइवर पर रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। आरपीएएफ ने नोटिस भी जारी कर दी है। विवेचना आरपीएफ उपनिरीक्षक राहुल कुमार को सौंपी गई है। जल्द ही आरपीएफ ड्राइवर से पूछताछ करेगी।
नियम के तहत केवल पैदल यात्री ही रैंप होते हुए एस्केलेटर का उपयोग कर सकते हैं। मंत्री की अगुवानी के लिए जीआरपी ने नियमों को तोड़ दिया।
जीआरपी इंस्पेक्टर संजय खरवार ने कहा कि मंत्री धर्मपाल सिंह ऐन वक्त पर स्टेशन पहुंचे। ऐसे में ट्रेन छूटने का समय हो रहा था। इस कारण उनकी कार को रैंप से होकर एस्केलेटर तक जाने की व्यवस्था की गई।
इस संबंध में जब मंत्री को फोन किया गया तो बात नहीं हो सकी। जीआरपी इंस्पेक्टर संजय खरवार ने कहा कि मंत्री धर्मपाल सिंह ऐन वक्त पर स्टेशन पहुंचे। ऐसे में ट्रेन छूटने का समय हो रहा था। इस कारण उनकी कार को रैंप से होकर एस्केलेटर तक जाने की व्यवस्था की गई।
31 अगस्त को ड्राइवर ने प्लेटफार्म पर चढ़ने वाली कार सहित आरपीएफ के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आरपीएफ ने ड्राइवर का बयान दर्ज करके उसे निजी मुचलके पर छोड़ दिया है।
उत्तर रेलवे की वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि मंत्री के ड्राइवर के खिलाफ आरपीएफ ने मुकदमा दर्ज किया था। कार सहित ड्राइवर ने आत्मसमर्पण कर दिया। मौके पर ही ड्राइवर को जमानत दे दी गई।