नीरव मोदी के ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की अनुमति मांगने के मामले में भारतीय प्रशासन ने अपना कानूनी जवाब दे दिया है। लंदन स्थित हाई कोर्ट अब यह फैसला करेगा कि बिना किसी सुनवाई के क्या लिखित में अपील की अनुमति दी जाए।
लंदन । भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की अनुमति मांगने के मामले में भारतीय प्रशासन ने अपना कानूनी जवाब दे दिया है। फिर भी ब्रिटिश सरकार के सूत्रों का मानना है कि नीरव मोदी का भारत प्रत्यर्पण अभी भी दूर की कौड़ी है। ब्रिटेन की अदालतों में भारत सरकार की ओर से कानूनी लड़ाई लड़ रही क्राउन प्रासीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने 51 वर्षीय नीरव मोदी की अपील के खिलाफ अदालत में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। सीपीसी ने पुष्टि की उन्होंने पांच दिसंबर की समयसीमा का पालन करते हुए समय पर जवाब दे दिया है।
अभी भी सजा को चुनौती देने के कानूनी विकल्प मौजूदब्रिटेन के गृह मंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि यह स्पष्ट नहीं है कि कब और कैसे मोदी का प्रत्यर्पण होगा क्योंकि उसके पास अभी भी सजा को चुनौती देने के कानूनी विकल्प मौजूद हैं। अगर नीरव मोदी सुप्रीम कोर्ट में अपील करने से चूक भी गया तो भी उसके पास यूरोपियन कोर्ट आफ ह्यूमन राइट्स (ईसीएचआर) के समक्ष आवेदन करने का भी विकल्प होगा। वहां वह इस आधार पर प्रत्यर्पण को रुकवा सकता है कि उसकी सुनवाई निष्पक्ष नहीं हुई है।