नोटबंदी को लेकर अखिलेश यादव ने फिर से भाजपा सरकार को घेरा, बोले- 15 लाख रुपये न सही, खजांची की फीस ही दे दें

नोटबंदी को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फिर से भाजपा सरकार को घेरा है। इस बार उन्होंने नोटबंदी दौरान एटीएम की लाइन में जन्म लेने वाला बच्चा खजांची के बहाने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि 15 लाख रुपये न सही खजांची की फीस ही दे दें।

 

लखनऊ, वर्ष 2016 की नोटबंदी को लेकर एक बार फिर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि नोटबंदी के सारे दावे फेल हो गए हैं। बस यही उपलब्धि है कि नकदी का चलन 71.84 प्रतिशत बढ़ गया और खजांची स्कूल जाने लगा। भाजपाई 15 लाख रुपये न सही, खजांची की फीस ही दे दें।

बता दें कि नोटबंदी दौरान एटीएम की लाइन में जन्म लेने वाला बच्चा अब स्कूल जाने लगा है। अपने अनोखे नाम ‘खजांची’ के कारण चर्चा में आए कानपुर देहात के इस बच्चे की मदद के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आगे आए हैं और वह अब उसकी पढ़ाई-लिखाई का पूरा खर्च उठाएंगे।

नोटबंदी को लेकर अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार को शुरू से घेरते आए हैं। उनका कहना है कि नोटबंदी के फैसले के कारण आम लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अखिलेश यादव नोटबंदी के वक्त से इस बच्चे के परिवार के संपर्क में थे। समाजवादी पार्टी खजांची का जन्मदिन भी मनाती आई है। पिछले साल शानदार ढंग से अखिलेश खजांची का बर्थडे सेलिब्रेट किया था।

बताया जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद बच्चे की मां और पिता अखिलेश यादव से मिलने सैफई पहुंचे थे। इस मुलाकात के दौरान ही बच्चे की पढ़ाई का खर्च उठाने का फैसला अखिलेश यादव ने लिया था। उसका एक बड़े स्कूल में एडमिशन भी कराया गया है। अब वह स्कूल भी जाने लगा है।

सपा अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छह वर्ष पहले आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा करते हुए कई दावे किए थे। उनका दावा था कि नोटबंदी से कालाधन खत्म होगा, बाहर गया कालाधन वापस आएगा और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। अखिलेश ने कहा कि रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट से यह तथ्य सामने आया है कि नोटबंदी से कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने का भारत सरकार का इरादा भी फेल हो गया है।

रिजर्व बैंक के मनी सप्लाई आंकड़ों के अनुसार इस साल अक्टूबर तक जनता के बीच विभिन्न चलन में मौजूद मुद्रा का स्तर बढ़कर 30.88 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह आंकड़ा चार नवंबर 2016 को समाप्त पखवाड़े में चलन में मौजूद करेंसी के स्तर से 71.84 प्रतिशत अधिक है। डिजिटल विकल्प के बावजूद अर्थव्यवस्था में कैश का लगातार बढ़ता उपयोग यह भी जताता है कि भाजपा की नीतियों से जनता का विश्वास उठता जा रहा है। बैंको में जमा राशि में गिरावट इसी का संकेत है।

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