तालिबान ने पंजशीर में 20 नागरिकों की हत्या कर दी है। ये ऐसे निर्दोष लोग हैं जिनका लड़ाई से कोई लेना-देना नहीं है। बीबीसी ने इन जघन्य घटनाओं की रिपोर्टिग करते हुए बताया कि तालिबान ने यहां की संचार व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त कर दी है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। पंजशीर घाटी में अभी तालिबान का पूरी तरह कब्जा नहीं हुआ है। यहां पर नार्दर्न अलायंस के लड़ाके घाटियों से तालिबान पर हमले कर रहे हैं। इस बीच तालिबान ने पंजशीर में 20 नागरिकों की हत्या कर दी है। ये ऐसे निर्दोष लोग हैं, जिनका लड़ाई से कोई लेना-देना नहीं है। बीबीसी ने इन जघन्य घटनाओं की रिपोर्टिग करते हुए बताया कि तालिबान ने यहां की संचार व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त कर दी है। यहां निर्दोष नागरिकों को मारे जाने के उनके पास वीडियो हैं। एक वीडियो में तालिबान लड़ाके धूल भरी सड़क पर एक व्यक्ति को गोली मार रहे हैं। इस दौरान वहां एक व्यक्ति के चीखने की आवाज आ रही है कि यह नागरिक है।
पंजशीर घाटी में अभी भी जारी है लड़ाई
तालिबान ने इस बात को अनसुना कर उसे गोली से उड़ा दिया। इसी तरह से पंजशीर में दुकान चलाने वाले दो बच्चों के पिता अब्दुल सामी की तालिबान ने गोली मारकर हत्या कर दी। मारने से पहले गिड़गिड़ा रहा था कि वह दुकानदार है, उसका लड़ाई से कोई लेना-देना नहीं है। बीबीसी के अनुसार ऐसे बीस से ज्यादा नागरिकों की हत्या की गई है।
पंजशीर में हालात बेहद खराब हैं। वहां खाद्य सामग्री और दवाइयों की कमी हो गई है। बिजली व्यवस्था ठप है। घाटी में सड़क पर वाहनों की लंबी लाइन लगी हुई है और बाजार पूरी तरह वीरान हो गए हैं। तालिबान सरकार के सूचना एवं संस्कृति उप मंत्री जबीउल्लाह मुजाहिद ने पंजशीर की घटनाओं को लेकर कहा है कि वहां कोई भी युद्ध अपराध नहीं किया गया है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जल्द ही पंजशीर जाने की अनुमति दी जाएगी।
तालिबान कर रहा है मानवाधिकारों का उल्लंघन
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मानवाधिकार परिषद को मिशेल बाचेलेत ने बताया कि तालिबान घरों में तलाशी ले रहा है। वह अमेरिकी सहयोगियों और पूर्व सरकार में रहे सुरक्षा कर्मचारियों को खोज रहा है। इस दौरान वह लोगों को यातना दे रहा है। अधिकार समूहों के कार्यालय बंद हो गए हैं।
बाचेलेत ने मानवाधिकार परिषद की बैठक में एक वीडियो भी दिखाया, जिसमें तालिबान एक युवक को जबरन गाड़ी की डिग्गी में डाल रहे हैं। यह घटना काबुल की है। बाचेलेत ने कहा, उनके पास विश्वसनीय रिपोर्ट हैं कि तालिबान पूर्व सरकार के अधिकारियों और उनके परिवारों पर अत्याचार कर रहा है। उन्होंने बताया कि तालिबान कुछ स्थानों पर यूएन कर्मचारियों के साथ भी मारपीट और धमका रहा है।