पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर अमेरिका का वार, अलकायदा और पाकिस्तानी तालिबान के 4 सदस्य वैश्विक आतंकवादी घोषित

विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन के अनुसार अमेरिका ने अलकायदा और पाकिस्तानी तालिबान समूहों के चार सदस्यों को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया। ब्लिंकेन ने कहा कि यह कार्रवाई हमारी प्रतिबद्धता को दिखाती है जिसके तहत हम आतंकियों का सफाया करते हैं।

 

वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर एक बार फिर बड़ा वार किया है। विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका ने अलकायदा और पाकिस्तानी तालिबान समूहों के चार सदस्यों को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। ब्लिंकेन ने आगे कहा कि यह कार्रवाई यह दिखाती है कि हम अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखने के लिए सभी प्रासंगिक साधनों का उपयोग करना जारी रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी आतंकी अफगानिस्तान में पैर न पसार सके।

आतंकियों की संपत्ति भी जब्तविदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि इन कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप आतंकियों की सभी संपत्ति जो अमेरिकी अधिकार क्षेत्र के अधीन हैं उसे भी जब्त कर लिया गया है। इसके अलावा सभी अमेरिकी व्यक्तियों को आमतौर पर उनके साथ किसी भी लेनदेन में शामिल होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

इन आतंकियों का नाम शामिल

जिन आतंकवादियों को गुरुवार को इस सूची में डाला गया है वो भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (AQIS) के अमीर ओसामा महमूद, अमीर आतिफ याह्या गौरी और समूह में और लोगों को भर्ती करने के लिए जिम्मेदार मुहम्मद मारूफ है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंक को पनाह देने वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कारी अमजद पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।
आतंक को खत्म करने की कवायद

यह सुनिश्चित करने के अपने अथक प्रयासों के तहत कि आतंकवादी अफगानिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के मंच के रूप में उपयोग न करें, अमेरिका अल्कायदा और TTP सहित अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादी समूहों द्वारा उत्पन्न खतरे का मुकाबला करने के लिए अपने आतंकवाद विरोधी साधनों के पूर्ण सेट का उपयोग कर रहा है।
इस्लामिक राज्य की स्थापना है उद्देश्य

सितंबर 2014 में स्थापित अल्कायदा एक इस्लामी उग्रवादी संगठन है जिसका उद्देश्य इस्लामिक राज्य की स्थापना के लिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भारत, म्यांमार और बांग्लादेश की सरकारों से लड़ना है। टीटीपी, जिसे आमतौर पर पाकिस्तानी तालिबान के रूप में जाना जाता है, अफगान-पाकिस्तानी सीमा पर सक्रिय विभिन्न इस्लामी सशस्त्र आतंकवादी समूहों को ट्रेनिंग देने का काम कर रहा है।

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