पीएम मोदी ने भारत-आसियान सहयोग को मजबूत करने के लिए 12 सूत्री प्रस्ताव पेश किया,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (7 सितंबर) को आसियान शिखर सम्मेलन 2023 को संबोधित किया। उन्होंने आतंकवाद जैसी समसामयिक चुनौतियों से निपटने और रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के साथ-साथ डिजिटल परिवर्तन व्यापार और आर्थिक जुड़ाव जैसे क्षेत्रों में भारत-आसियान सहयोग को मजबूत करने के लिए 12 सूत्री प्रस्ताव पेश किया। आसियान के महासचिव डॉ. काओ किम होर्न ने भी शिखर सम्मेलन में मौजूद रहे।

 

जकार्ता, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (7 सितंबर) को आसियान शिखर सम्मेलन 2023 को संबोधित किया। उन्होंने आतंकवाद जैसी समसामयिक चुनौतियों से निपटने और रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के साथ-साथ डिजिटल परिवर्तन, व्यापार और आर्थिक जुड़ाव जैसे क्षेत्रों में भारत-आसियान सहयोग को मजबूत करने के लिए 12 सूत्री प्रस्ताव पेश किया।

पीएम मोदी इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। आसियान (दक्षिणपूर्व एशियाई देशों का संघ) के महासचिव डॉ. काओ किम होर्न ने भी शिखर सम्मेलन में मौजूद रहे। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शिखर सम्मेलन में दो संयुक्त बयान – एक समुद्री सहयोग पर और दूसरा खाद्य सुरक्षा पर भी अपनाया गया।

आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी और मजबूत हो- मोदी

शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने और इसके भविष्य के मसौदे को तैयार करने पर आसियान भागीदारों के साथ व्यापक चर्चा की। प्रधानमंत्री ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में आसियान की केंद्रीयता की पुष्टि की और भारत के इंडो-पैसिफिक महासागर पहल और इंडो-पैसिफिक पर आसियान के आउटलुक के बीच तालमेल पर प्रकाश डाला।

पीएम ने 12-सूत्रीय प्रस्ताव प्रस्तुत किया

उन्होंने आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते (AITIGA) की समीक्षा को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की जरुरत पर भी जोर दिया। पीएम मोदी ने कनेक्टिविटी, डिजिटल परिवर्तन, व्यापार और आर्थिक जुड़ाव, समकालीन चुनौतियों का समाधान, लोगों से लोगों के संपर्क और रणनीतिक जुड़ाव को गहरा करने के लिए भारत-आसियान सहयोग को मजबूत करने के लिए 12-सूत्रीय प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी स्थापित करने का आह्वान

प्रस्ताव के तहत बयान में कहा गया है, भारत ने एक मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और आर्थिक गलियारा स्थापित करने का आह्वान किया है, जो दक्षिण-पूर्व एशिया-भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप को जोड़ता है। इसके साथ ही भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक को आसियान भागीदारों के साथ साझा करने की पेशकश की।

डिजिटल भविष्य के लिए आसियान-भारत फंड की भी घोषणा

प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल परिवर्तन और वित्तीय कनेक्टिविटी में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजिटल भविष्य के लिए आसियान-भारत फंड की भी घोषणा की। 12-सूत्रीय प्रस्ताव के तहत, प्रधानमंत्री ने आतंकवाद, आतंक वित्तपोषण और साइबर-दुष्प्रचार के खिलाफ सामूहिक लड़ाई का आह्वान किया।

मुद्दों को सामूहिक रूप से बहुपक्षीय मंचों पर उठाएं

प्रस्ताव के हिस्से के रूप में पीएम मोदी ने भारत के जुड़ाव को बढ़ाने के लिए ज्ञान भागीदार के रूप में काम करने के लिए आसियान और पूर्वी एशिया के आर्थिक और अनुसंधान संस्थान को समर्थन के नवीनीकरण की घोषणा की। बयान में कहा गया है कि उन्होंने ग्लोबल साउथ के सामने आने वाले मुद्दों को सामूहिक रूप से बहुपक्षीय मंचों पर उठाने का आह्वान किया।

भारत ने आमंत्रित किया

उन्होंने आसियान देशों को भारत में डब्ल्यूएचओ द्वारा स्थापित किए जा रहे पारंपरिक चिकित्सा के वैश्विक केंद्र में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इसके साथ ही पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए भारत के नेतृत्व वाले वैश्विक जन आंदोलन मिशन लाइफ पर एक साथ काम करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने जन-औषधि केंद्रों के जरिए लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने में भारत के अनुभव को साझा करने की भी पेशकश की। उन्होंने आसियान देशों को आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया और आपदा प्रबंधन में सहयोग का आह्वान किया। बयान के मुताबिक, उन्होंने समुद्री सुरक्षा, सुरक्षा और डोमेन जागरूकता पर सहयोग बढ़ाने का भी आह्वान किया। भारत और आसियान देशों के नेताओं के अलावा, तिमोर-लेस्ते ने पर्यवेक्षक के रूप में शिखर सम्मेलन में भाग लिया।

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