प्रश्न यह उठता है कि सांसद ने ऐसा क्यों किया उपद्रवी तो उपद्रवी होते हैं उनकी कोई जाति नहीं होती, केवल सांसद ने अपनी हनक दिखाने के लिए ऐसा किया इसमें कोई सन्देह नहीं कि उपद्रवी पुलिस की पकड़ में आसानी से नहीं आये
लखनऊ ; [ अनिल मेहता ] उ०प्र० की राजधानी लखनऊ में कुछ गांजा तस्करों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, हालांकि सम्बंधित थाना इससे इन्कार कर रहा है। यूं भी जनता पर वर्तमान में पुलिस का खौफ न के बराबर है, आखिर इसका कारण क्या है। पुलिस पर रसूखदारों तथा राजनेताओं का बेजा दबाव। अभी हाल में ही मैं टीवी न्यूज चैनल पर देख रहा था एक सांसद ने 90 उपद्रवियों को पुलिस पर दबाव डाल कर छुड़ा लिया। प्रश्न यह उठता है कि सांसद ने ऐसा क्यों किया उपद्रवी तो उपद्रवी होते हैं उनकी कोई जाति नहीं होती, केवल सांसद ने अपनी हनक दिखाने के लिए ऐसा किया इसमें कोई सन्देह नहीं कि उपद्रवी पुलिस की पकड़ में आसानी से नहीं आये होंगे पुलिसकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी होगी हो सकता है कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें भी आई होगी।
पर सांसद जी को इन बातों से कोई मतलब नहीं उनको बस एक जाति विशेष को अपनी हनक दिखानी थी वो उन्होंने लिखा दी काश उनका ध्यान पुलिसकर्मियों की मेहनत पर भी गया होता। ये तो हो गई पुलिस पर राजनीतिक दबाव की बात,अब आते हैं रसूखदारों की बात पर,आये दिन रसूखदार पुलिस पर हमला कर रहे हैं पुलिसकर्मी मन मसोस कर रह जाते हैं पर कार्यवाही नहीं कर पाते हैं, राजनीतिक दबाव तथा रसूखदारों के दबाव कहीं न कहीं पुलिस की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर रहे हैं सरकार को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि पुलिसकर्मी अपना कार्य सुचारु रूप से कर सकें, पुलिसकर्मियों पर अत्यधिक राजनीतिक या रसूखदारों का दबाव ठीक नहीं।