मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन्माष्टमी पर्व को लेकर रविवार को अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़ी श्रद्धा एवं धूम-धाम से मनाया जाता है जिसमें सम्मिलित होने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मथुरा नगर स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि/शाही ईदगाह मस्जिद स्थल अत्यन्त संवेदनशील है।
लखनऊ। जन्माष्टमी के अवसर पर पूरे प्रदेश में घरों और मंदिरों के साथ-साथ पुलिस थानों, कारागारों और पुलिस लाइन में भी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव पूरे हर्षोल्लास और भक्तिभाव से मनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन्माष्टमी पर्व से पूर्व सभी रिजर्व पुलिस लाइंस ,पुलिस थानों एवं कारागारों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व परंपरागत भक्तिभाव से मनाए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएम ने प्रदेश भर में कृष्णलीला, झांकी और शोभायात्रा के आयोजनों के दौरान वहां सुरक्षा, सफाई व अन्य व्यवस्थाएं सुचारू रूप से करने के आदेश दिए हैं। इसके अतिरिक्त भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पर्याप्त पुलिस बल के प्रबंध करने के भी निर्देश दिए हैं। सीएम योगी के निर्देशों का अनुपालन करते हुए उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा के महानिदेशक पीवी रामा शास्त्री ने प्रदेश के समस्त कारागारों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी को परंपरागत रूप से मनाए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन्माष्टमी पर्व को लेकर रविवार को अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़ी श्रद्धा एवं धूम-धाम से मनाया जाता है, जिसमें सम्मिलित होने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मथुरा नगर स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि/शाही ईदगाह मस्जिद स्थल अत्यन्त संवेदनशील है। यह स्थल आईएसआई व विभिन्न आतंकवादी संगठनों के निशाने पर भी है। इसको देखते हुए भी विशेष सतर्कता एवं समुचित पुलिस प्रबंध किए जाएं।
झांकियों, शोभायात्राओं के दौरान न उत्पन्न हो विवाद की स्थिति
सीएम योगी ने पूजा अर्चना शोभायात्रा के दौरान किसी भी तरह के विवाद की स्थिति न बने, इसको लेकर भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विवादित स्थलों पर झांकियों को सजाने, शोभायात्रा के मार्ग में विवाद एवं नए मार्गों को लेकर अक्सर विवाद देखने को मिलते हैं। इसके साथ ही, परंपरा से हटकर कार्यक्रमों के आयोजन तथा गैरपरंपरागत जुलूस/शोभायात्रा निकाले जाने, ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग का भी उपयोग किया जाता है। वहीं, दूसरे संप्रदाय के धार्मिक स्थलों में पूजा अर्चना के दौरान उनके करीब से शोभायात्राओं के गुजरते समय ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग, शोभायात्राओं/कार्यक्रमों के समय आपत्तिजनक टीका-टिप्पणी/नारेबाजी आदि को लेकर पूर्व में कई स्थानों पर विवाद की स्थिति सामने आई है। ऐसी स्थिति कहीं भी न बने, इसके लिए संवेदनशीलता के साथ सभी आवश्यक प्रबंध किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त शोभायात्रा के दौरान सुरक्षा को देखते हुए वीडियोग्राफी कराई जाए। सभी कार्यक्रम स्थलों के आसपास तथा शोभायात्रा के मार्ग पर स्थित सीसीटीवी कैमरों को कियाशील कराया जाए।
विवाद सुलझाने का करें प्रयास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत वर्षों में या इस वर्ष अभी तक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व से संबंधित जिन-जिन स्थानों पर किसी प्रकार का विवाद सामने आया हो, वहां पुलिस एवं राजस्व विभाग के गजटेड अधिकारियों द्वारा अभी से स्थिति का अध्ययन कर लिया जाए एवं विवाद को सुलझाने तथा संवेदनशीलता को दूर करने के लिए कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। सीएम योगी ने कहा कि अधीनस्थ कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि वे अपनी बीट में जाकर सभी प्रकार के विवाद की जांच करें और बीट सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर जाकर विवाद को समय रहते हल कराएं। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी द्वारा आवश्यकतानुसार विभिन्न विवाद के स्थलों, मार्गों का भ्रमण भी कर लिया जाए।
कहीं भी न हो अशोभनीय नृत्य का कार्यक्रम
सीएम ने निर्देश दिया कि समस्त जनपदों में गश्त चेकिंग के लिए पुलिस पार्टी नियमित रूप से निकाली जाए। प्रातः गश्त चेकिंग पार्टी (पोस्टर पार्टी) द्वारा सघन रूप से चेकिंग करते हुए सुनिश्चित किया जाए कि कहीं पर कोई आपत्तिजनक पोस्टर न लगा हो। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा भी इस त्यौहार को शालीनता एवं हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने की परंपरा रही है। समस्त सुरक्षा व्यवस्था के अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित करें कि यह पवित्र त्योहार परंपरागत तरीके से हर्षोल्लास व शालीनता के साथ मनाया जाए। इस अवसर पर किसी भी प्रकार का अशोभनीय नृत्य का कार्यकम न हो। संबंधित पुलिस आयुक्त, जनपद प्रभारी एवं सेनानायक पहले से ही इस संबंध में किए जाने वाले कार्यक्रमों का अवलोकन करें और प्रत्येक स्तर पर सुनिश्चित करें कि किसी भी प्रकार का अशोभनीय एवं अश्लीलतापूर्ण संवाद अथवा नृत्य न होने पाए।