पूरी दुनिया में पहली बार कोरोना के मामलों में गिरावट देखी गई है जो हर किसी के लिए राहत की बात है। इसकी जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी है। महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार ऐसा देखा गया है।
जिनेवा (रॉयटर्स)। बीते डेढ़ वर्ष से कोरोना महामारी की मार झेल रही दुनिया के लिए एक अच्छी खबर है। ये खबर कोरोना संक्रमण के मामलों में आई गिरावट को लेकर है। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जानकारी दी है कि बीते 50 दिनों में पूरे विश्व में कोरोना से जुड़े नए मामलों में गिरावट आई है। डब्ल्यूएचओ ने ये भी कहा है कि इससे होने वाली मौतों की संख्या कम तो हुई हैं लेकिन इनकी रफ्तार काफी कम है। संगठन द्वारा दी गई ये जानकारी इसलिए बेहद खास है क्योंकि डेढ़ वर्ष में पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कम हुई है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने इस बात की जानकारी एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख के मुताबिक बीते दो सप्ताह में कोरोना से मरने वालों की संख्या लगभग एक समान थी। उन्होंने इस बात की भी आशंका जताई है कि कई देश अपने यहां पर होने वाली मौतों का सही आंकड़ा पेश नहीं कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई है कि अफ्रीकी देशों में वैक्सीन सेंटर और आक्सीजन की काफी कमी है। ऐसी सूरत में वहां पर हालात और अधिक चिंताजनक बन सकते हैं। इस प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने लेंसेट की उस रिपोर्ट का भी जिक्र किया है जिसमें बताया गया है कि अन्य क्षेत्रों के मुकाबले अफ्रीका में कोरोना के मामले कम सामने आए हैं। लेकिन वहीं दूसरी तरफ गंभीर रोगियों के बीच यहां पर मौतों का आंकड़ा सबसे अधिक है।
डॉक्टर घेबरेयेसस के मुताबिक उन लोगों के बीच संक्रमण का खतरा काफी अधिक है जो अब भी सुरक्षा के दायरे से बाहर हैं। संगठन ने आगाह किया है कि वायरस की रफ्तार वैक्सीन की रफ्तार से कही अधिक तेज है। इस बीच उन्होंने जी-7 देशों की उस घोषणा का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने 87 करोड़ खुराक उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है। घेबरेयेसस ने कहा कि ये एक बड़ी सहायता है लेकिन इसको जल्द से जल्द उपलब्ध करवाना होगा। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि इन देशों के पास दुनिया को 11 अरब खुराक प्रदान करने की क्षमता है। उन्हें इसकी तरफ तेजी से काम करना चाहिए। उन्होंने जी-7 देशों द्वारा महामारियों से निपटने के लिये प्रस्तावित संधि का स्वागत किया है। उन्होंने इस दौरान जोर देकर कहा कि विश्व के कई देशों को अभी वैक्सीन की जरूरत है अगले वर्ष नहीं।