पांच दिन पूर्व एफएसएल लखनऊ की टीम ने गोरखपुर में प्रेमी की मौत के घटना का रीक्रिएट कर मौत की वजह जानने की कोशिश की। टीम में लखनऊ से वैज्ञानिक स्तर के तीन अधिकारी व गोरखपुर विधि विज्ञान प्रयोगशाला के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक को शामिल किया गया था।
गोरखपुर, बड़हलगंज थाना क्षेत्र के मकरंदपुर गांव में बीते एक अप्रैल की रात 22 वर्षीय राकेश चौरसिया की मौत जलने से हो गई थी। राकेश को किसी ने जलाया था और अथवा वह खुद से जला था, मौत इसके बीच एक पहेली बनकर रह गई है। इसे लेकर एसएसपी गोरखपुर दिनेश कुमार पी ने विधि विज्ञान प्रयोग शाला के निदेशक एके मित्तल को पत्र लिखकर सीन रीक्रिएट कर मौत का कारण जानने की कोशिश की थी।
लखनऊ से गोरखपुर पहुंची टीम
पांच दिन पूर्व एफएसएल (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) लखनऊ की टीम ने मकरंपुर में घटना का रीक्रिएट (री-कंस्ट्रक्शन अथवा पुर्नगठन) कर मौत की वजह जानने की कोशिश की। टीम में लखनऊ से वैज्ञानिक स्तर के तीन अधिकारी व गोरखपुर विधि विज्ञान प्रयोगशाला के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक को शामिल किया गया था। इस टीम का गठन एफएसएल निदेशक एके मित्तल के निर्देश पर किया गया था। दो से तीन दिन के भीतर इसकी रिपोर्ट भी आने वाली है। एसपी साउथ का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
यह हुई थी घटना
बीते 1 अप्रैल की रात मकरंदपुर में घर के बरामदे में सो रहे राकेश चौरसिया संदिग्ध परिस्थितियों में जल गया था। स्वजन ने कुछ व्यक्तियों पर जलाने का आरोप लगाया था। जांच के दौरान पुलिस स्वजन की बात संदेहास्पद लगी। पुलिस के मुताबिक मौके पर मिले साक्ष्य आत्महत्या अथवा इसमें किसी करीबी की तरफ इशारा कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। ऐसे में एसएसपी ने घटना के री-कंस्ट्रक्शन के लिए निदेशक एफएसएल को पत्र लिखा था,
एफएसएल की टीम ने घटना का री-कंस्ट्रक्शन किया है। दो से तीन दिन के भीतर उसकी रिपोर्ट भी आ जाएगी। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। – एके सिंह, एसपी साउथ।