दोनों रश्मिखंड के खाली प्लॉट में खुले आसमान के नीचे सो गए। सुबह शांति की आंख खुली। उसने तपेश्री को जगाने की कोशिश की, लेकिन शरीर में कोई हरकत नहीं हुई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
लखनऊ ; आशियाना के रश्मिखंड में खाली प्लॉट में 70 वर्षीय तपेश्री का शव पड़ा मिला। आसपास के लोगाें की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा और बेटों राजू व मुकेश को जानकारी दी।
पत्थर दिल बेटों ने जवाब दिया कि उनसे कोई रिश्ता ही नहीं है। लखनऊ में रहने वाला बुजुर्ग का भांजा शोभित पहुंचा। उसने भैंसाकुंड में अंतिम संस्कार किया। प्रभारी निरीक्षक आशियाना अजय प्रकाश मिश्रा के मुताबिक, मूलरूप से बस्ती के सिकंदरपुर निवासी तपेश्री 35 साल से बिजनौर में पत्नी शांति के साथ रह रहे थे।
वह ठेला लगाकर जीवन यापन करते थे। शांति ने बताया कि तपेश्री की पत्नी की 35 साल पहले मौत हो गई थी। इस बीच भाई भी दुनिया को अलविदा कह गया।
तपेश्री के दो बेटे थे, लेकिन भाई को कोई संतान नहीं थी। विधवा भाभी शांति का सहारा बनने के लिए तपेश्री ने शादी की थी। इससे नाराज होकर ही बेटों ने नाता तोड़ लिया था। शांति ने बताया कि शरीर कमजोर पड़ने पर तपेश्री एक हॉस्टल में चौकीदार करने लगे। बीमार होते ही हॉस्टल मालिक ने नौकरी से निकाल दिया। परेशान होकर गांव मदद के लिए गए थे, लेेकिन वहां भी परिचितों व करीबियों ने हाथ खड़े कर लिए।
बृहस्पतिवार देर रात बस से लखनऊ पहुंचे। चालक ने दोनों को आशियाना इलाके में उतार दिया। दोनों रश्मिखंड के खाली प्लॉट में खुले आसमान के नीचे सो गए। सुबह शांति की आंख खुली। उसने तपेश्री को जगाने की कोशिश की, लेकिन शरीर में कोई हरकत नहीं हुई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बुजुर्ग का एक बेटा राजू गोमतीनगर में रहता है और पेंटर है, जबकि मुकेश दिल्ली में रहता है।
पिता के मौत की सूचना पर दोनों बोले कि हमसे कोई लेनादेना नहीं है। इसके बाद भांजे शोभित ने पोस्टमार्टम के बाद भैंसाकुंड में अंतिम संस्कार किया।