फिच रेटिंग्स ने भारत की सावरेन रेटिंग के आउटलुक में बदलाव किया है। फिच रेटिंग्स एजेंसी ने भारत की सावरेन रेटिंग के आउटलुक को नेगेटिव से बदलकर स्टेबल (स्थिर) कर दिया है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। फिच रेटिंग्स ने भारत की सावरेन रेटिंग के आउटलुक में करेक्शन किया है। फिच रेटिंग्स एजेंसी ने भारत की सावरेन रेटिंग के आउटलुक को नेगेटिव से बदलकर स्टेबल (स्थिर) कर दिया है। एजेंसी ने आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, इससे पहले आर्थिक विकास की गति 8.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई थी।
फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले आर्थिक विकास की गति 8.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई थी। एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि उसने भारत में तेजी से आर्थिक सुधार के कारण मध्यम अवधि के दौरान ग्रोथ में गिरावट का जोखिम कम हो गया है। यही वजह है कि भारत की रेटिंग को स्थिर पर रखा गया है।
रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि आउटलुक में संशोधन हमारे इस विचार को दर्शाता है कि वैश्विक कमोडिटी की कीमतों में तेजी के झटकों के बावजूद भारत में आर्थिक सुधार और वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियों में कमी के कारण मध्यम अवधि के दौरान विकास में गिरावट का जोखिम कम हो गया है।
फिच ने अपने बयान में कहा है कि प्रतिस्पर्धियों की तुलना में भारत का मजबूत मीडियम-टर्म ग्रोथ आउटलुक रेटिंग के लिए एक प्रमुख सहायक कारण है और यह क्रेडिट मेट्रिक्स में क्रमिक सुधार को बनाए रखेगा। फिच ने कहा कि हम वित्त-वर्ष 2024 और वित्त-वर्ष 2027 के भीच लगभग 7 फीसद की वृद्धि का अनुमान लगा रहे हैं।
एजेंसी ने कहा कि भारत का विकास दृष्टिकोण अपने साथियों की तुलना में मजबूत है और उसे वित्त वर्ष 24 और वित्त वर्ष 27 के बीच लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार वित्त-वर्ष 23 में देश की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत पर देखा जाता है।