राफेल लड़ाकू विमान की खरीद में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर फ्रांस की सरकार की न्यायिक जांच की खबर देश-दुनिया में बड़ी सुॢखयों में आने से यह मामला फिर से ताजा होकर जनचर्चाओं में आ गया है।
लखनऊ, फ्रांस के कुछ अधिकारियों के भारत से राफेल लड़ाकू विमान सौदे में कमीशनबाजी के कथित जांच के आदेश के मामले में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मायावती ने इसको लेकर सोमवार को दो ट्वीट में कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा किया है।
इंटरनेट मीडिया पर बेहद ही एक्टिव हो चुकीं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रक्षा सौदों में लम्बे समय से कमीशन के खेल में कांग्रेस पर भी बड़ा सवाल खड़ा किया है।
बसपा मुखिया मायावती ने ट्वीट में कहा है कि भारत सरकार के राफेल लड़ाकू विमान की खरीद में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर फ्रांस की सरकार की न्यायिक जांच की खबर देश-दुनिया में बड़ी सुॢखयों में आने से यह मामला फिर से ताजा होकर जनचर्चाओं में आ गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी इसका उचित संज्ञान ले तो बेहतर।
मायावती ने कहा कि बीएसपी का मानना है कि रक्षा सौदों में कमीशन का आरोप-प्रत्यारोप तथा इसकी जांच आदि होना भारत में कोई नया नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार के समय से ही पुराना ज्वलन्त अध्याय है। इसके बाद भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार राफेल विवाद को जनसंतोष के मुताबिक निपटारा करके इस मुद्दे को विराम दे तो यह उचित।
कांग्रेस के भाजपा पर सवाल उठाने का भाजपा प्रवक्ता ने जवाब भी दिया है। प्रवक्ता ने कहा कि मूल्य निर्धारण, खरीद की प्रक्रिया और सौदे के अन्य सभी पहलुओं की जांच भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने की है। भारत में फैसला न्याय के सर्वोच्च प्रतीक से आया है। कांग्रेस के आरोप खोखले लगते हैं और इसमें कोई दम नहीं है। किसी भी प्रस्ताव और सौदे/निविदा में अंतर होता है। कांग्रेस ने यह जानना चाहा है कि अब जब फ्रांस की लोक अभियोजन सेवा (पीएनएफ) ने वहां के पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू कर दी है, जो सौदे के पक्षों में थे तो भारत सरकार के प्रमुख पदाधिकारी की भूमिका पर किसी जांच का आदेश क्यों नहीं दिया जा रहा है।